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बिहार के कैमूर इलाके में सरकार लगायेगी सहजन और आंवला के पौधे, जानें क्या है वजह

जिले के विभिन्न प्रखंडों में फ्लोराइड प्रभावित वार्डों की संख्या 233 है.

भभुआ : जिले के फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में मनरेगा योजना से अब विशेष प्रकार के पौधे लगाये जायेंगे. भू-जल से ये पौधे फ्लोराइड तत्वों का समर करने में सहायक सिद्ध होते हैं. जिले के विभिन्न प्रखंडों में फ्लोराइड प्रभावित वार्डों की संख्या 233 है.

जानकारी के अनुसार, सरकार स्तर से फ्लोराइड प्रभावित क्षेत्रों में फ्लोराइड तत्वों के शमन को लेकर मनरेगा के तहत विशिष्ट प्रकार के पौधे लगाने का निर्देश डीएम को पूर्व में दिया गया था. इस आलोक में जिला प्रशासन द्वारा सभी कार्यक्रम पदाधिकारियों को सरकार का निर्देश जारी कर दिया गया है.

निर्देश के अनुसार फ्लोराइड रिसर्च सेंटर पटना के 12 जिलों जिसमें कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, मुंगेर, बांका, जमुई, नवादा, सुपौल, गया, मुंगेर, नालंदा तथा शेखपुरा के 98 प्रखंडों में फ्लोराइड रसायन के अधिकता के कारण इन क्षेत्रों के निवासी फ्लोराइड बीमारी से पीड़ित या प्रभावित पाये जाते हैं.

इसे देखते हुए फ्लोराइड प्रभावित बसावटों में फ्लोराइड तत्वों का शमन करने के लिए विशिष्ट प्रकार के पौधारोपण कराये जाने का प्रस्ताव है. इस संबंध में मनरेगा के कार्यक्रम पदाधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि सरकार के निर्देश के आलोक में सभी कार्यक्रम पदाधिकारियों को मनरेगा के तहत कराये जाने वाले पौधारोपण में विशेष प्रकार के पौधे लगाने का निर्देश दे दिया गया है.

इन विशेष प्रकार के पौधों में सहजन, आंवला, अमरूद, नींबू, घाघर आदि के पौधे आते हैं. उन्होंने बताया कि सरकार का यह निर्देश इस बार अगस्त माह में पृथ्वी दिवस पर चलाये गये पौधारोपण अभियान के बाद आया है. इसलिए आगे के पौधारोपण योजनाओं में सरकार के निर्देश का अनुपालन शत-प्रतिशत सुनिश्चित कराया जायेगा.

Posted by Ashish Jha

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