Loading election data...

बिहार के इस जिले को कहते हैं मिनी स्विट्जरलैंड, पहाड़ी पर मौजूद है 1700 साल पुराना मंदिर

Kaimur : ज़िले में कई झरने हैं, जिनमें से करकटगढ़ और तेलहाड़ कुंड झरना प्रमुख हैं. तेलहाड़ कुंड जलप्रपात करीब 80 मीटर ऊंचा है. कैमूर को बिहार का चावल का कटोरा भी कहा जाता है.

By Prashant Tiwari | October 4, 2024 4:17 PM
an image

बिहार का हर जिला अपने आप में खास है. लेकिन कुछ जिले ऐसे हैं जिनको देखकर आपको यकीन ही नहीं होगा की आप बिहार में हैं. ऐसा ही एक जिला है कैमूर, जहां आप जाएंगे तो उस शहर की प्राकृतिक खूबसूरती आप को अनायस ही अपनी तरफ खींच लेती है. ऊंचे-ऊंचे पहाड़ और पानी के झरने इस शहर की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करते हैं. शायद इसलिए ही इस शहर को बिहार का स्विट्जरलैंड भी कहा जाता है. इतना ही नहीं इस शहर के भगवानपुर गांव में पहाड़ी पर स्थित माता मुंडेश्वरी भवानी का मंदिर है जो कि 1700 साल से भी ज्यादा पुराना है. 

बिहार के इस जिले को कहते हैं मिनी स्विट्जरलैंड, पहाड़ी पर मौजूद है 1700 साल पुराना मंदिर 5

कैमूर में स्थित है माता मुंडेश्वरी भवानी का मंदिर

माता मुंडेश्वरी भवानी का मंदिर, बिहार के कैमूर ज़िले के भगवानपुर गांव में है. यह मंदिर, पर्वतश्रेणी की पवरा पहाड़ी पर 608 फ़ीट की ऊंचाई पर बना है. इसे उत्तरी भारत का सबसे पुराना हिंदू मंदिर माना जाता है. दावा किया जाता है कि यह मंदिर 1700 साल से भी ज्यादा पुराना है. इसे सर्वे ऑफ़ इंडिया (एएसआई) ने 1915 से संरक्षित स्मारक घोषित किया है. इस मंदिर में, माता मुंडेश्वरी की प्राचीन मूर्ति है.  वहीं, मंदिर के गर्भगृह में एक पंचमुखी शिवलिंग है. पुरातत्वविदों के अनुसार यहां से प्राप्त शिलालेख 389 ई0 के बीच का है जो इसके प्राचीनतम समय का एहसास कराता है. 

बिहार के इस जिले को कहते हैं मिनी स्विट्जरलैंड, पहाड़ी पर मौजूद है 1700 साल पुराना मंदिर 6

क्या हैं मंदिर की कहानी ?

माघ पंचमी से पूर्णिमा तक इस पहाड़ी पर एक मेला लगता है जिसमें दूर-दूर से भक्त आते हैं। कहते हैं कि चंड-मुंड के नाश के लिए जब देवी उद्यत हुई थीं तो चंड के विनाश के बाद मुंड युद्ध करते हुए इसी पहाड़ी में छिप गया था और यहीं पर माता ने उसका वध किया था. अतएव यह मुंडेश्वरी माता के नाम से स्थानीय लोगों में जानी जाती हैं. 

इसे भी पढ़ें : Bihar : जानिए बिहार के किस जिले में रहते हैं सबसे कम हिंदू

बिहार के इस जिले को कहते हैं मिनी स्विट्जरलैंड, पहाड़ी पर मौजूद है 1700 साल पुराना मंदिर 7

अपने झरनों और चावल मिल के लिए भी जाना जाता है कैमूर

बता दें कि कैमूर ज़िले में कई झरने हैं, जिनमें से करकटगढ़ और तेलहाड़ कुंड झरना प्रमुख हैं. तेलहाड़ कुंड जलप्रपात करीब 80 मीटर ऊंचा है.  कैमूर को बिहार का चावल का कटोरा भी कहा जाता है. कैमूर ज़िले में कुदरा और दुर्गावती औद्योगिक शहर हैं. इन शहरों में 12 बड़े चावल मिल और 400 मिनी चावल मिल हैं.  इसके अलावा कैमूर ज़िले में वनस्पति तेल लिमिटेड और पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया का हाई वोल्ट डायरेक्ट करंट (एचवीडीसी) ग्रिड स्टेशन है. 

बिहार के इस जिले को कहते हैं मिनी स्विट्जरलैंड, पहाड़ी पर मौजूद है 1700 साल पुराना मंदिर 8

पहुंचना है बहुत आसान

कुछ दिनों में बहुत सारी छुट्टियां आने वाली है. ऐसे में अगर आप कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं तो कैमूर को अपने विश लिस्ट में जगह दे सकते हैं. यहां की प्राकृतिक खूबसूरती आपका मन मोहने के साथ ही एक गजब का सुकून देंगी. बिहार का ये जिला हवाई, रेल और सड़क तीनों ही तरह से वेल कनेक्टेड है. कैमूर का सबसे नजदीक एयरपोर्ट उत्तर प्रदेश का लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा है. वहीं, गया में मौजूद एयरपोर्ट भी यहां के नजदीकी एयरपोर्ट में से एक है. यहां उतरने के बाद आप रेल या कार से आसानी से कैमूर जा सकते हैं. वहीं, कैमूर के मोहनियां में मौजूद रेलवे स्टेशन भी देश के सभी प्रमुख स्टेशनों से जुड़ा हुआ है.  

इसे भी पढ़ें : Holidays in 2025 : बिहार में सरकारी कर्मचारियों की बहार, CM नीतीश ने किया छुट्टियों का ऐलान

Exit mobile version