Kaimur To Gaya Road Project: इंसान के लिए पेड़ जरूरी है या सड़क, यह सवाल वन विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के बीच अपने अपने तर्कों की वजह बन गया है. इसके चलते वाराणसी से कोलकाता के समानांतर बनने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़क अटक गई है. बिहार के कैमूर में चांद से शुरू हुई यह सड़क जिसकी लम्बाई 160 किलोमीटर है इसे गया तक जाना है. लेकिन रास्ते के 70 हजार पेड़ों ने सड़क का रास्ता रोक रखा है
सड़क निर्माण में क्या आ रही बाधा
वहीं सड़क बनाने वाली कंपनी राष्ट्रीय राजमार्ग एवं विकास प्राधिकरण NHAI का कहना है कि NHAI इसे एलिवेटेड कॉरिडोर के रूप में बनाना चाहते हैं.लेकिन सड़क के मार्ग पर 30 हजार पेड़ आ रहें हैं. जिसकी वजह से सड़क निर्माण के कार्य में बाधा आ रही हैं.
वन विभाग ने क्या कहा
कैमूर के चांद से गया तक जाने वाली सड़क वाराणसी कोलकाता राजमार्ग के समानांतर बनना था लेकिन वन विभाग का कहना है कि जहां से यह सड़क गुजरनी है उस रास्ते में 70 हजार पेड़ आ रहे हैं. अगर यहां से सड़क बनाई गई तो पेड़ों को काटना पड़ेगा. यह बिल्कुल भी ठीक नही है.
एलिवेटेड कॉरिडोर के रूप में इसे बनाना चाहता है NHAI
NHAI इसे एलिवेटेड कॉरिडोर के रूप में बनाना चाहता है. लेकिन इस बात पर वन विभाग तैयार नहीं है.वन विभाग के हवाले से कहा गया कि जहां पर पहले से सड़क है वहां पर आर्थिक तरक्की पहले से ही है. इससे ज्यादा आर्थिक गतिविधि नही हो सकती.
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सड़क का रास्ता बदलने को कह रहा वन विभाग
वन विभाग ने इस बारे में एक और बात कही है कि सड़क का रास्ता बदल दिया जाय तो जंगल और पेड़ भी बच जायेंगे और सड़क के माध्यम से आर्थिक विकास उस इलाके तक भी पहुंच जाएगा जहाँ से सड़क गुजरेगी. फिलहाल यह मामला अभी तक सुलझा नही है जिसके चलते सड़क का निर्माण कार्य रुका हुआ है.