दुकानदारों ने सड़कों पर कब्जा जमाया, तो मंडी में जुआरियों ने
स्टूवरगंज बाजार की सड़कों पर सब्जी बेचने से हर दिन लगता है जाम मोहनिया शहर : स्थानीय शहर में कई वर्षों से बनी सब्जी मंडी वीरान पड़ी है. जबकि, सब्जी दुकानदार स्टूवरगंज बाजार की सड़कों पर सब्जी लगा कर बेचते हैं. इसके कारण आये दिन लगनेवाली जाम से लोग परेशान हैं. जाम की यह स्थिति […]
स्टूवरगंज बाजार की सड़कों पर सब्जी बेचने से हर दिन लगता है जाम
मोहनिया शहर : स्थानीय शहर में कई वर्षों से बनी सब्जी मंडी वीरान पड़ी है. जबकि, सब्जी दुकानदार स्टूवरगंज बाजार की सड़कों पर सब्जी लगा कर बेचते हैं. इसके कारण आये दिन लगनेवाली जाम से लोग परेशान हैं.
जाम की यह स्थिति खासकर शहर की मुख्य सड़कों पर सब्जी विक्रेताओं द्वारा अतिक्रमण करने के कारण उत्पन्न होती है. बचा कसर चाट खोमचे वाले पूरा कर देते हैं. सबसे खराब स्थिति मेन रोड स्थित चांदनी चौक की है. सहां दुकान का सामान दुकानदार सड़क के किनारे लगा देते हैं. ऐसे में जाम की स्थिति और उत्पन्न हो जाती है. इसको लेकर कई बार नगर पंचायत स्टूवरगंज से अतिक्रमण हटाया और सब्जीमंडी में जाने का आदेश दिया गया. परंतु, उसके बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुई.
गौरतलब है कि शहर में सब्जी दुकान लगाने को लेकर स्थानीय प्रशासन ने बाजार के स्टेशन रोड के किनारे भव्य सब्जी मंडी का निर्माण करवाया है. इसके उद्घाटन के समय बुकिंग भी हुई. लेकिन, सब्जी विक्रेताओं की मनमानी से वहां छोड़ कर स्टुवरगंज में सब्जी बेचने लगे. इसके बाद से सब्जी मंडी बेकार पड़ा है. इस समय सब्जीमंडी जुआरियों व असामाजिक तत्वों का अड्डा बना हुआ है.
2003 में सब्जी मंडी का हुआ था निर्माण: प्रशासन द्वारा शहर में वर्ष 2003 में सब्जीमंडी का निर्माण यह सोच कर कराया गया था कि इससे नगर पंचायत को राजस्व भी मिलेगा. साथ ही स्टुवरगंज बाजार का अतिक्रमण की समस्या भी खत्म हो जायेगा. लेकिन, सीधे इसका उल्टा हुआ कि मंडी आज वीरान पड़ी है और अतिक्रमण स्टुवरगंज में बरकरार है. सब्जी विक्रेताओं की माने तो पहले सब्जी विक्रेता मंडी में दुकान लगा कर सब्जी बेच रहे थे.
लेकिन, कुछ दुकान मंडी परिसर के बाहर स्टुवरगंज में सब्जी लगने लगे. इससे सब्जी मंडी के अंदर ग्राहक नहीं आते थे. सब्जी मंडी के दुकानदारों को नुकसान हो रहा था. इस कारण से अन्य दुकानदारों को भी सब्जी मंडी के बाहर स्टुवरगंज में दुकान खोल कर बेचने पड़ा. तब से आज तक सब्जी मंडी वीरान है. वहां असामाजिक तत्वों व जुआरियों का जमावड़ा लगा रहता है.