नप ने नाले में बहाया 40 लाख
40 लाख की लागत से अग्रवाल पेट्रोल पंप के सामनेवाली गली में सड़क व नाले का हुआ था निर्माण भभुआ कार्यालय : नगर पर्षद अपने अजीबोगरीब कारनामे के लिए अक्सर चर्चा में रहती है. योजनाओं के नाम पर सरकारी पैसे का लूट खसोट आम बात है. इसका एक नजारा एक बार फिर शहर के वार्ड […]
40 लाख की लागत से अग्रवाल पेट्रोल पंप के सामनेवाली गली में सड़क व नाले का हुआ था निर्माण
भभुआ कार्यालय : नगर पर्षद अपने अजीबोगरीब कारनामे के लिए अक्सर चर्चा में रहती है. योजनाओं के नाम पर सरकारी पैसे का लूट खसोट आम बात है. इसका एक नजारा एक बार फिर शहर के वार्ड 11 में अग्रवाल पेट्रोलपंप के सामनेवाली रोड में साफ तौर पर देखने को मिल रहा है.
नगर पर्षद के नये अध्यक्ष द्वारा 11 व 12 वार्ड के लोगों को जलजमाव से निजात दिलाने के लिए एक बार फिर उक्त सड़क व नाले का निर्माण कराया जा रहा है. जबकि, उक्त नाले व सड़क का निर्माण महज चार साल पहले 40 लाख की लागत से नगर पर्षद द्वारा ही कराया गया था, जो महज एक साल में ही ध्वस्त हो गया था.
दरअसल, अग्रवाल पेट्रोलपंप के सामनेवाली गली का 2012-13 में 40 लाख की लागत से सड़क व नाले का निर्माण कराया गया था, जिसमें 29 लाख की लागत से सड़क व 11 लाख 60 हजार की लागत से नाले का निर्माण कराया गया था. उक्त नाले व सड़क का निर्माण इस उद्देश्य से कराया गया था कि वार्ड 11 व 12 के लोगों को होनेवाले जलजमाव से निजात मिले. दूसरी तरफ लोग अपने घरों तक सड़क के जरिये पहुंच सकें. लेकिन, लोगों का यह सपना सपना ही रह गया और 40 लाख की लागत से बना नाला व सड़क एक साल में ही पूरी तरह से ध्वस्त हो गया. 11 व 12 के लोगों की समस्या खत्म होने के बजाय और बढ़ गयी.
हालात यह हो गयी कि बरसात के दिनों में जलजमाव के कारण नाले का पानी लोगों के घरों में घुसने लगा. इसे लेकर उक्त दोनों वार्ड के लोग कई बार सड़क पर उतर कर आंदोलन करने को बाध्य हुए. नाला व सड़क निर्माण में गड़बड़ी की बातें 20 सूत्री की बैठक में भी 20 सूत्री के तत्कालीन उपाध्यक्ष चंदप्रकाश आर्य द्वारा उठाया गया.
नाला व सड़क निर्माण में अनियमितता की जांच के लिए जांच टीम भी गठित की गयी. लेकिन, नतीजा ढाक के पात रहा. न ही आमलोगों द्वारा आंदोलन किये जाने से लोगों को जलजमाव से निजात मिली और न ही जांच टीम गठित होने से गड़बड़ी करनेवाले लोगों पर कोई कार्रवाई हुई. जांच कराने के नाम पर उक्त फाइल को धूल फांकने के लिए किसी गतलखाने में डाल दिया गया.
अब एक बार फिर नगर पर्षद के नये अध्यक्ष जैनेंद्र कुमार आर्य द्वारा वार्ड 11 व 12 के लोगों को जलजमाव से निजात दिलाने के लिए नाला का निर्माण कराने के लिए ध्वस्त हो चुकी उक्त सड़क व नाले की खुदाई करायी जा रही है. ताकि, वार्ड 11 व 12 के लोगों को जलजमाव से निजात मिल सके. नप अध्यक्ष की इस कार्रवाई से 11 व 12 वार्ड के लोगों में एक बार फिर यह उम्मीद जगी है कि इस बार शायद उन्हें जलजमाव से निजात मिल जाये.
लेकिन, बड़ी बात यह कि 40 लाख रुपये के लागत से बना नाला व सड़क एक साल में ही ध्वस्त हो गया. लेकिन, इसके लिए जिम्मेवार किसी अधिकारी, कर्मचारी पर कोई कार्रवाई तक नहीं हुई. आम आदमी का सरकारी पैसा नगर पर्षद में नाले में बहा दिया और एक बार फिर उसी नाला के निर्माण के लिए दोबारा सरकारी पैसे खर्च होने जा रहे हैं.