डीएम ने न्यायालय में जाने का दिया सुझाव
भभुआ कार्यालय : नगर पर्षद के पूर्व सभापति बजरंग बहादुर सिंह उर्फ मलाई सिंह द्वारा 4 जून को वार्ड 12 के पार्षद जैनेंद्र कुमार आर्य व छह जून को वार्ड 11 के पार्षद प्रीति कुमारी के खिलाफ नगर निकाय चुनाव के नामांकन पत्र में गलत हलफनामा दिये जाने का आरोप लगाते हुए सदस्यता रद्द करने […]
भभुआ कार्यालय : नगर पर्षद के पूर्व सभापति बजरंग बहादुर सिंह उर्फ मलाई सिंह द्वारा 4 जून को वार्ड 12 के पार्षद जैनेंद्र कुमार आर्य व छह जून को वार्ड 11 के पार्षद प्रीति कुमारी के खिलाफ नगर निकाय चुनाव के नामांकन पत्र में गलत हलफनामा दिये जाने का आरोप लगाते हुए सदस्यता रद्द करने के अनुरोध निर्वाची पदाधिकारी व राज्य निर्वाचन आयोग से लिखित रूप से किये जाने के मामले में जिला पदाधिकारी ने उन्हें इसके लिए बिहार नगरपालिका निर्वाचन नियमावली 2007 के तहत न्यायालय में जाने का सुझाव दिया है.
पूर्व नगर पर्षद अध्यक्ष बजरंग बहादुर सिंह के शिकायत पर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा डीएम से मांगे गये रिपोर्ट के जवाब में डीएम ने राज्य निर्वाचन आयोग को लिखा है कि बिहार नगरपालिका निर्वाचन नियमावली 2007 के प्रावधानों के मुताबिक नियम 104 के उपनियम ‘ग’ के अनुसार किसी नामांकन पत्र के अनुचित स्वीकृति या अस्वीकृति नहीं होने पर अगर उम्मीदवार निर्वाचित हो जाता है, तो उसके खिलाफ किसी भी तरह के कार्रवाई के लिए चुनाव याचिका सबजज के यहां दाखिल की जायेगी.
उक्त नियम के अनुसार आवेदक को सबजज के यहां परिवाद दाखिल करना चाहिए न कि निर्वाची पदाधिकारी के यहां दायर करना चाहिए. यहीं नहीं नगरपालिका नियमावली के नियम 103 के तहत कोई भी चुनाव याचिका अभ्यर्थी अथवा निर्वाचन अभिकर्ता के द्वारा ही सबजज के यहां दाखिल किया जा सकता है. हालांकि, जिलाधिकारी द्वारा पूर्व सभापति के आवेदन पत्र में लगाये गये आरोप की जांच एसडीएम को करने का आदेश दिया गया है.