सांप काटने पर घबराएं नहीं, इलाज कराएं
हर सांप नहीं होता जहरीला भभुआ सदर : बरसात के दिनों में अक्सर ये सुनने को मिलता है कि फलां गांव में सांप के काटने से अमुक पुरुष या महिला की मृत्यु हो गयी. इस मृत्यु के पीछे मुख्य रूप से लोगों का अज्ञान जिम्मेदार होता है. क्योंकि, लोगों को यह जानकारी होती ही नहीं […]
हर सांप नहीं होता जहरीला
भभुआ सदर : बरसात के दिनों में अक्सर ये सुनने को मिलता है कि फलां गांव में सांप के काटने से अमुक पुरुष या महिला की मृत्यु हो गयी. इस मृत्यु के पीछे मुख्य रूप से लोगों का अज्ञान जिम्मेदार होता है.
क्योंकि, लोगों को यह जानकारी होती ही नहीं है कि सांप के काटने पर क्या करना चाहिए. यहीं कारण है कि ऐसी जटिल परिस्थिति में वे वैसे तमाम क्रियाएं करने लगते हैं, जिससे रोगी के शरीर में जहर तेजी से फैलने लगता है और अंत में अंधविश्वास और समय पर उचित इलाज नहीं मिलने के चलते पीड़ित व्यक्ति की मौत हो जाती है. सांप काटने के बाद क्या करें और क्या न करें इस बारे में जिले के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ संतोष कुमार सिंह से पूछने पर इसकी विस्तृत जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि हर सांप जहरीला नहीं होता है, इस लिए सांप काटने पर पीड़ित व्यक्ति को सर्वप्रथम पहले सीधा लिटा देना चाहिए और उसे ढांढस बंधाना चाहिए, जिससे उसका मन शांत रह सके. यदि पीड़ित को अस्पताल ले जाने में विलंब हो तो सबसे पहले पीड़ित व्यक्ति के शरीर से जूते, अंगूठी, कड़ा, कंगन, पायल आदि चीजें उतार देनी चाहिए. क्योंकि, जहर के फैलने पर हाथ-पैरों में सूजन हो सकती है और शरीर के उस हिस्से का रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है. सांप के कांटे गये स्थान को साफ करके और यदि काटा गया भाग हाथ या पैर है तो लकड़ी के खपच्चियों के सहारे बांध दें. ताकि, पीड़ित व्यक्ति उस अंग को बार- बार मोड़ नहीं सके और शरी में विष न फैल सके.
सांप के काटे गये स्थान पर ब्लेड या चाकू से काट कर घाव को खोलने की कोशिश न करें और न ही मुंह से चुस कर जहर निकालने का प्रयत्न करें. ऐसा करना सामनेवाले के लिए भी घात हो सकता है.
सांप द्वारा काटे गये जगह के आसपास बहुत कस कर पट्टी न बां
धे और न ही पीड़ित व्यक्ति को चाय, कॉफी या फिर कोई नशीली वस्तु पिलाने का प्रयत्न न करें
सांप के काटने पर न ही पीड़ित व्यक्ति को दर्द से तड़पता देख उसे अपने से कोई दवा विशेष एस्प्रिन वगैरह कदापि न दें, न ही कोई दादी-नाली का नुस्खा उस पर आजमाएं
जख्म पर पट्टी बांध दे, पट्टी के लिए पेड़ की छाल, अखबार का टुकड़ा, स्पीलिंग बैग का इस्तेमाल करें, मरीज को बिल्कुल चलने न दें. क्योंकि, मांसपेशियों की रगड़ से जहर शरीर में तेजी से फैलने का डर रहता है.
झाड़-फूंक व जड़ी-बूटी के चक्कर में न पड़े
सांप के काटने पर झाड़-फूंक व जड़ी-बूटी आदि द्वारा इलाज के चक्कर में समय न गवाएं. क्योंकि, सर्पदंश के मामले में एक क्षण की भी देरी पीड़ित के लिए मौत का सबब बन सकती है.