24 सरकारी बाबुओं पर ठोंका गया 703500 का जुर्माना

भभुआ नगर : लोक सेवा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आनेवाली सेवाओं का निबटारा जिलास्तर पर निर्धारित समयावधि में नहीं करने के मामले में कुल 24 अधिकारियों व कर्मचारियों पर 703500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. उल्लेखनीय है कि यह विधेयक आमलोगों को निर्धारित समय सीमा के भीतर कुछ चुनी हुई लोक सेवाएं उपलब्ध कराने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2017 9:18 AM
भभुआ नगर : लोक सेवा अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आनेवाली सेवाओं का निबटारा जिलास्तर पर निर्धारित समयावधि में नहीं करने के मामले में कुल 24 अधिकारियों व कर्मचारियों पर 703500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है.
उल्लेखनीय है कि यह विधेयक आमलोगों को निर्धारित समय सीमा के भीतर कुछ चुनी हुई लोक सेवाएं उपलब्ध कराने को सुनिश्चित करनेवाला कानून है. इसके अंतर्गत राज्य सरकार ने फिलहाल 10 विभागों से जुड़ी 50 सेवाओं को सूचीबद्ध किया है.
इनमें राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, जमीन जायदाद के दस्तावेज, दिये जाने के अलावे आवास, जाति, चरित्र और आमदनी से संबंधित प्रमाणपत्र दिये जाने जैसी सेवाएं प्रमुख हैं. इस अधिनियम का सबसे खास प्रावधान यह है कि तय की गयी अवधी में आवेदकों को लोक सेवाएं उपलब्ध नहीं करानेवाले सरकारी अधिकारी व कर्मचारी को दंडित करने का भी प्रावधान है. इसके अंतर्गत ढाई सौ रुपये से लेकर अधिकतम पांच हजार रुपये तक के आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है. जरूरत पड़ने पर विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है.
11446 मामलों की सुनवाई पूरी: जिले में 17 मार्च 2013 से लेकर 31 जुलाई 2017 तक कुल 11534 अपील लोक सेवा अधिकार अधिनियम के तहत किये गये, जिनमें कुल 11446 मामलों की सुनवाई पूरी की जा चुकी है. इन मामलों को पेंडिंग रखने पर कई प्रखंड विकास पदाधिकारी, सीओ, राजस्वकर्मी, पंचायत सचिव पर जुर्माना लगाया गया है.
साथ अन्य मामलों की सुनवाई जारी है, जिसमें फैसला आने के बाद संबंधित अनुमंडल के एसडीओ जुर्माना की राशि तय करेंगे.487500 रुपये की हो चुकी है वसूली: लोक सेवा अधिकार अधिनियम के तहत निर्धारित समयावधि में मामले का निष्पादन नहीं करने पर कुल 703500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें 487500 रुपये की वसूली की जा चुकी है. बिचौलियों के प्रभाव को आरटीपीएस काउंटर से समाप्त करने के लिए जिले के वरीय उपसमाहर्ता प्रत्येक शनिवार को आरटीपीएस काउंटरों की जांच करते हैं, जिसमें अब तक कुल 1590 बार विभिन्न कार्यालयों में छापेमारी की गयी है और नौ बिचौलियों को भी गिरफ्तार किया गया है.

Next Article

Exit mobile version