अब एप के जरिये होगी आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी

बिल भुगतान के लिए भी ली जायेगी एप की मदद विभाग ने आंगन एप व आंगन निधि एप किया लांच जिले में अभी 1318 आंगनबाड़ी केंद्र हो रहे संचालित भभुआ नगर : समन्वित बाल विकास योजना या एकीकृत बाल विकास योजना (आइसीडीएस) विभाग की ओर से चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों पर होनेवाले भ्रष्टाचार पर पूरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2017 12:39 PM
बिल भुगतान के लिए भी ली जायेगी एप की मदद
विभाग ने आंगन एप व आंगन निधि एप किया लांच
जिले में अभी 1318 आंगनबाड़ी केंद्र हो रहे संचालित
भभुआ नगर : समन्वित बाल विकास योजना या एकीकृत बाल विकास योजना (आइसीडीएस) विभाग की ओर से चल रहे आंगनबाड़ी केंद्रों पर होनेवाले भ्रष्टाचार पर पूरी तरह अंकुश लगाने के लिए अब एप के जरिये आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी होगी. जिले में फिलहाल 1318 आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं. आंगनबाड़ी केंद्रों की निगरानी के लिए विभाग ने आंगन एप और बिल भुगतान की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए आंगन निधि एप लांच किया है.
आंगनबाड़ी केंद्रों का अब पूरी तरह डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है. इस एप के जरिये जब भी सीडीपीओ या सुपरवाइजर आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करेंगे, तो आंगनबाड़ी केंद्र की वस्तुस्थिति की तस्वीर और केंद्र से संबंधित जानकारी की सूचना ऑनलाइन विभाग को देंगे. साथ ही सबसे बड़ी परेशानी बिल भुगतान की समस्या का भी समाधान होगा.
निधि एप से होगा झटपट भुगतान : आंगनबाड़ी केंद्रों के वाउचर का भुगतान में पहले महीनों का समय लग जाता था. लेकिन, विभाग ने इस समस्या को दूर करने के लिए आंगन निधि एप लांच किया है. इसके माध्यम से सुपरवाइजर वाउचर सीधे मुख्यालय में भेज देंगे. वाउचर जाते ही मुख्यालय से आंगनबाड़ी सेविकाओं के खाते में राशि भेज दी जायेगी.
साथ ही कैश एप्लिकेशन के माध्यम से केंद्र से जुड़े बच्चों सहित, कुपोषण, गर्भवती, धातृ महिलाओं की जानकारी सेकेंड में मिल जायेगी. इन जानकारियों के लिए अधिकारियों को महीनों इंतजार नहीं करना पड़ेगा. डिजिटलाइजेशन होने से आंगनबाड़ी केंद्रों में पारदर्शिता आ जायेगी. बार-बार यह शिकायत मिल रही थी कि आंगनबाड़ी केंद्रों में भ्रष्टाचार व्याप्त है. इससे इन सभी पर नकेल कसा जा सकेगा. इसमें बिल का तस्वीर इस एप के माध्यम से सुपरवाइजर व सीडीपीओ लेंगी. तत्काल उसे मुख्यालय में भेज दिया जायेगा. इसके बाद तत्काल राशि सेविका के खाते में चली जायेगी. अब ट्रेजरी से मुक्ति मिल जायेगी.
गड़बड़ी होने पर तत्काल होगी कार्रवाई : आंगनबाड़ी केद्रों के सतत निगरानी के लिए विभाग द्वारा जो एप लांच किया गया है. उससे अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की गुंजाइश पर लगाम लगेगी. जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आइसीडीएस केके उपाध्याय ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों की जांच अब ऑॅनलाइन होगी.
इसके लिए आंगन एप लाया गया है. आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण सीडीपीओ व सुपरवाइजर करेंगी. निरीक्षण के दौरान उसी समय इस एप के माध्यम से तसवीर लेगी, जिसमें बच्चों की उपस्थिति, केंद्र की हालत, सेविका व सहायिका आदि की तस्वीर लेंगी. इसके बाद तत्काल एप के माध्यम से उसे पोस्ट कर दिया जायेगा, जिससे तस्वीर ऑनलाइन हो जायेगी. वरीय अधिकारी सहित अन्य लोग भी तस्वीर देख कर केंद्र का आकलन लगा लेंगे. यदि केंद्र में गड़बड़ी होगी,तो तत्काल कार्रवाई की जायेगी. साथ ही सुपरवाइजर को एक दिन में तीन से चार केंद्रों का कम-से-कम निरीक्षण करना है.
मिलेगी सारी जानकारी
केंद्र से कितने बच्चे जुड़े हैं. कितनी धातृ, गर्भवती महिलाओं को लाभ मिल रहा है. साथ ही केंद्र से कितने कुपोषित बच्चे व महिलाएं जुड़ी हुई हैं. पूर्व में इसकी जानकारी के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था. कम-से-कम 15 से 20 दिनों के बाद एक आंगनबाड़ी केंद्र से जानकारी मिल पाती थी, लेकिन अब इस एप के माध्यम से अधिकारी त्वरित इसकी जानकारी हासिल कर लेंगे.
बोले अधिकारी
आंगन निधि व आंगन एप का इस्तेमाल करने के लिए सभी सीडीपीओ व सुपरवाइजर को ट्रेनिंग दी जा रही है. जिलास्तर पर इसका ट्रायल शुरू कर दिया गया है. आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में अब किसी तरह की मनमानी की सूचना फौरन विभाग को मिल जायेगी. इस पर त्वरित कार्रवाई की जायेगी. केके उपाध्याय, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, आइसीडीएस, कैमूर

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