नौकरी से है प्यार, तो मुख्यालय में रहने से नहीं करें इनकार

अब हर महीने चार से पांच बार हो सकती है कार्यालयों की जांच भभुआ नगर : अब हर माह पंचायतस्तर तक के कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया जायेगा. पंचायतस्तर पर सरकारी कामकाज व विकास योजनाओं में लापरवाही बरतने और कार्यालय से गायब रहनेवाले अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी. साथ ही, प्रखंड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2017 10:34 AM
अब हर महीने चार से पांच बार हो सकती है कार्यालयों की जांच
भभुआ नगर : अब हर माह पंचायतस्तर तक के कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया जायेगा. पंचायतस्तर पर सरकारी कामकाज व विकास योजनाओं में लापरवाही बरतने और कार्यालय से गायब रहनेवाले अधिकारियों व कर्मचारियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी. साथ ही, प्रखंड मुख्यालय में पदस्थापित प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी व चिकित्सक को भी अपना आवास मुख्यालय में ही रखना है.
जांच के क्रम में ऐसा नहीं होने पर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जायेगी. डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने जिले में नयी पहल करते हुए जिलास्तर के वरीय प्रशासनिक पदाधिकारियों को इसकी जिम्मेवारी सौंपी है. साथ ही स्वयं डीएम भी अपने शेड‍्यूल के अनुसार किसी कार्यालय की जांच कर सकते हैं.
कब कहां कैसे किसी को नहीं होगी खबर : जिलास्तर पर गठित टीम महीने में कम से कम चार से पांच बार किसी एक ब्लॉक व पंचायतों की जांच करेगी.
जांच टीम कब किस प्रखंड में जायेगी. इसकी खबर किसी को नहीं होगी. कार्यालयों की जांच की सूचना बिल्कुल गुप्त रखी जायेगी. पंचायत स्तर पर गठित समिति को अब हर हाल में अपने कार्यालय में ड‍्यूटी देनी होगी. अन्यथा उनकी नौकरी पर भी आंच आ सकती है. हालांकि, इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. पिछले दिनों सदर प्रखंड के कई कार्यालयों का निरीक्षण किया गया है, जिसमें सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को सिर्फ वार्निंग देकर छोड़ दिया गया है.
लोगों को मिलेगी राहत : पंचायत व प्रखंडस्तर पर मामलों का निष्पादन नहीं होने की वजह से लोगों को अनावश्यक रूप से जिला मुख्यालय की दौड़ लगानी पड़ती है. अब पंचायत व ब्लॉक स्तर पर निष्पादित होनेवाले मामलों में लापरवाही बरते जाने पर भी संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर कार्रवाई की जा सकती है.
बोले डीएम : जिलास्तर पर गठित अधिकारियों की टीम अब हर माह कम से कम चार या पांच बार किसी एक ब्लॉक व संबंधित पंचायत स्तर के कार्यालयों की जांच करेगी. इसकी सूचना गोपनीय रखी जायेगी.
आमलोगों की समस्याओं के समाधान में रुचि नहीं लेनेवाले कर्मियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी. प्रखंडस्तरीय पदाधिकारियों को मुख्यालय में रहने का निर्देश दिया गया है.
राजेश्वर प्रसाद सिंह, डीएम, कैमूर

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