22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

10 करोड़ का लेनदेन हुआ प्रभावित

सरकारी बैंकों में लटका रहा ताला, ग्राहकों को हुई परेशानी ऋण वापस नहीं करनेवालों को अपराधी घोषित करने की मांग भभुआ शहर : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के समर्थन व यूनाइटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियन के आह्वान पर मंगलवार को जिले के सरकारी बैंक बंद रहे. जिले के विभिन्न बैंकों की 37 शाखाओं पर […]

सरकारी बैंकों में लटका रहा ताला, ग्राहकों को हुई परेशानी
ऋण वापस नहीं करनेवालों को अपराधी घोषित करने की मांग
भभुआ शहर : यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के समर्थन व यूनाइटेड फोरम ऑफ आरआरबी यूनियन के आह्वान पर मंगलवार को जिले के सरकारी बैंक बंद रहे. जिले के विभिन्न बैंकों की 37 शाखाओं पर मंगलवार को ताला लटके रहने से लगभग 10 करोड़ का लेन-देन प्रभावित रहा. बैंकों के बंद रहने से ग्राहकों को जहां परेशानी हुई, वहीं बैंक बंद रहने से बाजार पर भी मंदी का असर रहा.
मंगलवार को मांगों के समर्थन पर हड़ताल पर रहे बैंक कर्मचारियों द्वारा शहर के भोजपुर मध्य बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय पर धरना व प्रदर्शन किया गया.
धरने-प्रदर्शन का नेतृत्व व अध्यक्षता कर रहे मध्य बिहार ग्रामीण बैंक ऑफसर फेडरेशन के अध्यक्ष राधेश्याम तिवारी ने बताया कि मंगलवार की हड़ताल भारत सरकार द्वारा पूंजीपतियों को दिये गये 3.50 लाख करोड़ एनपीए को बट्टा खाता में डालने के उद्देश्य से संसद में जो एक एफआरडीआइ विधेयक लाया गया है, उसका वे लोग विरोध के रूप में हैं. उनका कहना था कि हमारी सरकार से मांग है कि बैंक से लिए ऋण को वापसी नहीं करनेवाले व्यक्ति को अपराधी घोषित किया जाये. मुख्य वक्ता बिहार प्रोवेंशियल ग्रामीण बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के महासचिव अरविंद कुमार सिन्हा ने बताया कि बैंकों द्वारा वर्तमान में बड़ी राशि चार्जेज के रूप में वसूला जा रहा है.
हम सरकार से मांग करते हैं कि बैंक चार्जेस को युक्तिसंगत बनाया जाये. इसके अलावे खाते में न्यूनतम राशि तीन हजार रुपये नहीं होने पर पेनाल्टी का प्रावधान, फ्री में दिये जाने चेकबुक पर चार्जेज लागू करने और चेक रिटर्न पर पेनाल्टी बढ़ा कर 435 रुपये कर दिये जाने का भी विरोध करते हैं.
उनका कहना था कि निजी बैंक सेवा शुल्क को लेकर अपने स्तर पर शिथिल कर या ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए योजनाओं के बहाने लाभ दे रहे हैं. जबकि, स्टेट बैंक सहित सार्वजनिक बैंकों में इस तरह की कोई योजना नहीं है. इससे ग्राहक अब निजी बैंकों का रूख करने लगे हैं. सरकार डूबते ऋणों की वसूली करने के बजाये बैंक सेवा शुल्क के बहाने आम ग्राहकों की जेब से इसकी भरपाई करने में जुटी है, जो सरासर गलत है. मंगलवार को बैंकों के हड़ताल से निजी क्षेत्र की एचडीएफसी, एक्सीस, आइसीआइसीआइ बैंक आदि अन्य दिनों की तरह खुली रही और इनके लेन-देन पर हड़ताल का कोई असर नहीं रहा. जिले के अग्रणी बैंक प्रबंधक रत्नाकर झा ने बताया कि कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने से लगभग 10 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ है.
उधर, हड़ताल पर रहे बैंक कर्मचारियों का कहना था कि अगर सरकार इन नियमों में ढील नहीं देती या फिर इसे वापस नहीं लेती तो केंद्र सरकार की इन नीतियों के विरोध में सभी सरकारी बैंक के कर्मचारी अग्रतर आंदोलन पर जाने को विवश होंगे. मंगलवार को बैंक में ताला लगा कर धरना प्रदर्शन में जुटे कर्मचारियों में से मुख्य रूप से प्रदीप कुमार सिंह, सौरव कुमार, अश्विनी कुमार, विपिन बिहारी सिंह, स्वीकृति, सुमन रविरंजन, महेंद्र प्रताप, हरिद्वार प्रसाद गुप्ता, हिमांशु कुमार प्रफुल्ल, जितेंद्र कुमार, अनिल ठाकुर, अनिल निगम, महेंद्र प्रसाद सहित कई बैंककर्मी उपस्थित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें