ओपीडी में डॉक्टर नहीं रहने पर हंगामा

कुव्यवस्था. सदर अस्पताल में घंटों इंतजार के बाद भी मरीजों व परिजनों का फूटा गुस्सा भभुआ सदर : आप लाख प्रयास कर लें, हम नहीं सुधरनेवाले के तर्ज पर सदर अस्पताल प्रबंधन भी कार्य करने में लगा हुआ है और लापरवाह प्रबंधन की कुव्यवस्था का शिकार मरीजों को होना पड़ रहा है. शुक्रवार को दोपहर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2017 3:47 AM

कुव्यवस्था. सदर अस्पताल में घंटों इंतजार के बाद भी मरीजों व परिजनों का फूटा गुस्सा

भभुआ सदर : आप लाख प्रयास कर लें, हम नहीं सुधरनेवाले के तर्ज पर सदर अस्पताल प्रबंधन भी कार्य करने में लगा हुआ है और लापरवाह प्रबंधन की कुव्यवस्था का शिकार मरीजों को होना पड़ रहा है. शुक्रवार को दोपहर बाद सदर अस्पताल के ओपीडी में डॉक्टरों के नहीं रहने से दो घंटे से इंतजार में बैठे सैकड़ों मरीजों व उनके परिजनों ने हंगामा मचा दिया. इस दौरान ओपीडी में हंगामा कर रहे मरीजों को उपस्थित गार्डों द्वारा समझा कर शांत कराया गया और डॉक्टर के नहीं रहने पर उन्हें परामर्श के लिए इमरजेंसी में बैठे डॉक्टर के पास भेजा. इस दौरान डॉक्टर का इंतजार करते-करते दूर ग्रामीण क्षेत्रों से आये कई दर्जन मरीज शाम होते देख बिना इलाज कराये ही वापस लौट गये.
ओपीडी के डॉक्टर कर रहे थे इमरजेंसी में ड्यूटी: गौरतलब है कि सदर अस्पताल के ओपीडी में शुक्रवार दोपहर दो बजे से डॉ अरविंद कुमार की ड्यूटी थी. लेकिन, वह ओपीडी में डॉक्टर का इंतजार कर रहे सैकड़ों मरीजों को उनके हाल पर छोड़ इमरजेंसी में ड्यूटी बजा रहे थे. जबकि, इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर अभिलाष चंद्रा छुट्टी पर थे. अब सवाल यह उठता है कि डॉ अरविंद कुमार की ड्यूटी ओपीडी में थी तो वह इमरजेंसी में क्यों दूसरे की जगह ड्यूटी कर रहे थे और इमरजेंसी के डॉक्टर के छुट्टी पर रहने की जानकारी अस्पताल उपाधीक्षक व मैनेजर को पहले से थी तो छुट्टी पर गये डॉक्टर की जगह किसी अन्य डॉक्टर को क्यों नहीं ड्यूटी सौंपी गयी.
जबकि, इन दिनों मौसम के उतार-चढ़ाव से अस्पताल मरीजों से पटा रह रहा है. फिर भी प्रबंधन द्वारा लापरवाही बरतने के रवैये में कोई सुधार नहीं हो रहा है. शुक्रवार दोपहर दो बजे से ओपीडी में इलाज के लिए बैठे अधौरा दीघार के मनोज कुमार, गोड़हन की वयोवृद्ध घुषण देवी, हाटा के क्यामुद्दीन आदि का कहना था कि दो घंटे से बैठ कर डॉक्टर के आने का इंतजार किया जा रहा है. लेकिन, डॉक्टर कब आयेंगे यह कोई नहीं बता पाया. दीघार के मनोज का कहना था कि हमलोगों को अधौरा से आते-आते देर हो जाता है, जिसके चलते दोपहर बाद ही इलाज कराने का मौका मिलता है. लेकिन, ओपीडी में डॉक्टर नहीं बैठे.
पांच सौ की जाती है गायब डॉक्टरों की ड्यूटी !
उधर, सदर अस्पताल में गायब रहनेवाले डॉक्टरों की जगह पर दूसरे डॉक्टर द्वारा महज पांच सौ रुपये में ड्यूटी किये जाने का सनसनी खेज मामला प्रकाश में आया है. विश्वस्त सूत्रों की मानें तो सदर अस्पताल में कुछ डॉक्टर ऐसे हैं जो अक्सर गायब रहनेवाले डॉक्टरों की ड्यूटी मात्र पांच सौ रुपये में अपने सिर ले लेते हैं.
सूत्रों के अनुसार, इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन से लेकर हरेक कर्मचारियों को हैं. लेकिन, फटे में टांग अड़ाने से हर कोई अपने को बचाने में तुला हुआ है. इस मामले में जब अस्पताल मैनेजर मनीष चंद्र श्रीवास्तव से पूछा गया, तो उनका कहना था कि जाने दीजिए न सर, गायब डॉक्टर की जगह इलाज तो करिय ना रहा है.

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