भभुआ सदर : इस बार गरमी व बरसात के मौसम में जिले में डेंगू से ज्यादा डायरिया खतरनाक हो चला है, जिसके चलते सरकारी अस्पतालों सहित निजी क्लिनिकों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. सदर अस्पताल में फिजिशियन डॉ विनय कुमार तिवारी का कहना है कि डायरिया से ग्रस्त मरीजों की संख्या ज्यादा है. डॉक्टर ने कहा कि अस्पताल के ओपीडी व इमरजेंसी में हर दूसरा, तीसरा मरीज डायरिया से ग्रस्त होकर आ रहा है और सदर अस्पताल में मरीजों की भीड़ इस समय ज्यादा हो रही हैं. आंकड़े भी गवाही देते हैं कि मई से अब तक सैकड़ों डायरिया ग्रसित मरीज सिर्फ सदर अस्पताल में इलाज करा चुके हैं.
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डेंगू से ज्यादा डायरिया ”खतरनाक”
भभुआ सदर : इस बार गरमी व बरसात के मौसम में जिले में डेंगू से ज्यादा डायरिया खतरनाक हो चला है, जिसके चलते सरकारी अस्पतालों सहित निजी क्लिनिकों में मरीजों की संख्या बढ़ रही है. सदर अस्पताल में फिजिशियन डॉ विनय कुमार तिवारी का कहना है कि डायरिया से ग्रस्त मरीजों की संख्या ज्यादा है. […]
मरीज अपने आप दवा लेने से बचें
मरीज को दस्त या बुखार होने पर अपने आप दवा लेने से मरीज को बचना चाहिए. क्योंकि, मरीज अपने मेडिकल स्टोर से दवा लेकर खाने से बीमारी बढ़ने के चांस ज्यादा रहते हैं. कई बार मरीज को लगता है कि दूसरे को भी डॉक्टर ने यही दवा थी और मुझे भी वही बीमारी है. इसे यही दवा लेनी चाहिए. डॉ विनय तिवारी ने कहा कि हम सभी को अपने घरों में ओआरएस घोल रखना चाहिए. क्योंकि, यह ऐसा संक्रमण वाला रोग है, जो थोड़ी भी लापरवाही बरते जाने पर हम आप कोई भी इसकी चपेट में आ सकते हैं.
बच्चों के लिए डायरिया बहुत खतरनाक
बासी खाना और गंदगी व दूषित पेयजल से सभी आयु वर्ग के लोग बीमार हो सकते हैं व डायरिया की चपेट में आ सकते हैं. लेकिन, यह रोग बच्चों के लिए खतरनाक होता हैं. खास कर अगर नवजात शिशु को डायरिया हुआ है तो डॉक्टर को दिखाने में देरी न करे. क्योंकि, बड़े व्यक्ति को पानी पिलाते रहा जा सकता है. लेकिन, छोटे बच्चे को ऐसा करना मुश्किल रहता है और डायरिया ही ऐसा रोग है, जिसमें पानी की कमी ज्यादा होती है. ऐसे में मरीज की मौत हो सकती है.
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