22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अधौरा के 108 गांवों के मरीजों का इलाज दो आयुष डॉक्टरों के सहारे

जिले का अधौरा अतिपिछड़ा प्रखंड माना गया है. इस प्रखंड क्षेत्र में लगभग 60 हजार से ऊपर की जनसंख्या 11 पंचायत के 108 गांवों में निवास करती है. इस प्रखंड क्षेत्र में मात्र एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उपलब्ध है.

अधौरा. जिले का अधौरा अतिपिछड़ा प्रखंड माना गया है. इस प्रखंड क्षेत्र में लगभग 60 हजार से ऊपर की जनसंख्या 11 पंचायत के 108 गांवों में निवास करती है. इस प्रखंड क्षेत्र में मात्र एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उपलब्ध है. इस क्षेत्र में अगर कहीं किसी का एक्सीडेंट हो जाये, तो इलाज करने वाला एक भी एमबीबीएस डॉक्टर उपलब्ध नहीं है. मात्र दो आयुष डॉक्टरों व एक महिला आयुर्वेद डॉक्टर के सहारे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चलता है. इसमें से एक डॉक्टर का पदस्थापन चैनपुरा में कर दिया गया है. अधौरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिदिन इलाज कराने के लिए गर्भवती महिलाओं सहित मरीजों की भारी भीड़ लगती है. यहां गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी करने में भी एएनएम द्वारा काफी मशक्कत करायी जाती है, नहीं तो अधिकतर गर्भवती महिलाओं को भभुआ सदर अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है. इतनी बड़ी जनसंख्या को ले क्षेत्र में मात्र एक ही एंबुलेंस है, अगर किसी एक मरीज को भभुआ रेफर किया गया तो दूसरे मरीज को तीन से चार घंटे तक इंतजार करना पड़ता है. – प्रखंड में 18 उपस्वास्थ्य केंद्र सहित 10 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर वहीं, इस प्रखंड क्षेत्र में 18 उपस्वास्थ्य केंद्र व 10 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर भी हैं, लेकिन अधिकतर जगहों पर कोई इलाज नहीं होता है. यहां एक सेंटर पर दो एएनएम को कार्य करने के लिए रखा गया है, परंतु अधिकतर सेंटरों पर एएनएम नहीं पहुंचती हैं. केवल कागज के पन्ने पर ही इलाज दिखा दिया जाता है. जांच करने के लिए सीएचओ भी बहाल किये गये हैं, लेकिन लोग को अक्सर गायब ही मिलते हैं. जबकि, तीन उपस्वास्थ्य केंद्र कोल्हुआ, बड़वानकला व बड़ाप में एएनएम की सीट खाली है, जहां एएनएम के अभाव में कोई काम नहीं होता है. 38 एएनएम में मात्र 22 ही कार्यरत है और इसमें भी छह एएनएम अंजू कुमारी, मीरा कुमारी, सिंधु कुमारी, अनीता कुमारी, संजू कुमारी, अमृता कुमारी को भभुआ या अन्य स्थानों पर डिपटेसन कर दिया गया है. एक भी लैब टेक्नीशियन नहीं हैं, जबकि जांच करने वाले सभी उपक्रम मौजूद हैं. भगवान भरोसे चल रहा अधौरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वहीं, इमरजेंसी में इलाज कराने मरीज आते हैं तो चादर भी नहीं बिछाया जाता है. वहीं, जब अधौरा प्रभात खबर के रिपोर्टर द्वारा इमरजेंसी वार्ड व गर्भवती वार्ड में मरीजों का हाल जाना गया, तो देखा गया कि कहीं साफ सफाई भी नहीं है. वहीं, जब प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी मोहम्मद जाहिद अंसारी से इस संबंध में पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि चादर भेजा जा रहा है. मरीज को अच्छी तरह से भोजन भी नहीं मिल पाता है. वहीं, जब प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से एएनएम व डॉक्टर के बारे में पूछा गया, तो बताया कि डॉक्टर और एएनएम की मांग की गयी है. – कहते हैं प्रखंड प्रमुख प्रखंड प्रमुख विपिन कुमार प्रमुख ने बताया कि पंचायत समिति की बैठक में डॉक्टर व एएनएम की मांग को रखा गया है, फिर जिलाधिकारी से मांग की जायेगी. – कहते हैं ग्रामीण समाजसेवी युवा शैलेश कुमार उर्फ बीडी यादव ने कहा कि अधौरा काफी गरीब प्रखंड क्षेत्र है. यहां पर अधिकांश गरीब परिवार ही निवास करते हैं. अगर सही ढंग से अधौरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लोगों को इलाज मिल जाता तो लोगों को काफी सुविधा होती. यहां कम से कम एक भी एमबीबीएस डॉक्टर रहने चाहिए. अधौरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज की सुविधा नहीं मिलने के कारण मरीज झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने को विवश हो जाते हैं या काफी पैसा खर्च कर इलाज के लिए जिला मुख्यालय भभुआ जाते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें