सदर अस्पताल के डीएस व मैनेजर का वेतन अगले आदेश तक बंद

निरीक्षण के दौरान अस्पताल की गंदगी पर सफाई संवेदक की राशि भी काटने का सुनाया फरमान भभुआ सदर : सदर अस्पताल की व्यवस्था में सुधार किये जाने के निर्देश व आदेश के बावजूद लापरवाही बरते जाने का खामियाजा अंततः सदर अस्पताल के उपाधीक्षक (डीरएस) और मैनेजर को भुगतना पड़ गया. बुधवार को औचक निरीक्षण पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2017 8:05 AM
निरीक्षण के दौरान अस्पताल की गंदगी पर सफाई संवेदक की राशि भी काटने का सुनाया फरमान
भभुआ सदर : सदर अस्पताल की व्यवस्था में सुधार किये जाने के निर्देश व आदेश के बावजूद लापरवाही बरते जाने का खामियाजा अंततः सदर अस्पताल के उपाधीक्षक (डीरएस) और मैनेजर को भुगतना पड़ गया. बुधवार को औचक निरीक्षण पर निकले सिविल सर्जन (सीएस) डॉ नंदेश्वर प्रसाद ने बार-बार उनके द्वारा दिये जा रहे निर्देश के बावजूद आदेश का उल्लंघन करने और अस्पताल की व्यवस्था में लापरवाही बरते जाने पर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार और मैनेजर मनीषचंद्र श्रीवास्तव के वेतन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी.
इसके साथ ही सीएस ने डीएस के वेतन में एक दिन की कटौती करने सहित अस्पताल मैनेजर के मानदेय में 25 प्रतिशत की राशि काटने का आदेश दिया. सुबह 10 बजे तक भी अस्पताल में साफ-सफाई नहीं किये जाने पर अस्पताल के भीतरी सफाई में लगे संवेदक को डांट फटकार लगाते हुए उसके भी देय राशि में 40 प्रतिशत काटने का निर्देश दिया. इसके अलावे निरीक्षण के दौरान अन्य कर्मियों को भी अनुपस्थित पाये जाने पर सीएस ने कार्रवाई करते हुए स्पस्टीकरण पूछने व वेतन बंद करने का निर्देश दिया. बुधवार को सीएस जब औचक निरीक्षण में सदर अस्पताल पहुंचे, तो अस्पताल के ओपीडी सहित भर्ती वार्ड, लेबर वार्ड, पेडिआरट्रिक, बर्न सहित अन्य जगहों की स्थिति काफी खस्ताहाल मिला. कई जगहों पर चादर सहित बेड, प्रकाश सहित साफ-सफाई की व्यवस्था काफी लचर पायी गयी.
सुबह 10 बजे तक नहीं हुई थी सफाई : बुधवार को सीएस डॉ नंदेश्वर प्रसाद और जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ विवेक कुमार सिंह सदर अस्पताल में संभावित सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के निरीक्षण से पूर्व अस्पताल की व्यवस्था का जायजा लेने पहुंचे. इस दौरान अधिकारियों को ओपीडी, इमरजेंसी, लेबर वार्ड आदि जगहों पर गंदगी का भारी अंबार दिखा.
यहां तक कि सुबह 10 बजे तक अस्पताल में रखे गये डस्टबीन से न तो कूड़े निकाले गये थे और न ही अंदरूनी साफ-सफाई ही करायी गयी थे. अस्पताल के इमरजेंसी में शौचालय सहित कॉरिडोर, महिला व पुरुष भर्ती वार्ड में भारी गंदगी देख सीएस ने अंदरूनी सफाई में लगे संवेदक को तलब किया और उसे जमकर फटकार लगायी. उन्होंने डीएस से उसको दिये जा रहे देय राशि में 40 प्रतिशत काट लेने का निर्देश दिया और डीएस को अस्पताल परिसर या कमरों में गंदगी पाये जाने की स्थिति में खुद से वर्क करा संवेदक की राशि में दोगुना कटौती करने को कहा.
बेड पर रंग-बिरंगी चादर देख भड़के
औचक निरीक्षण में सीएस उस वक्त आक्रोशित हो गये, जब उनकी नजर अस्पताल के बेड पर रंग-बिरंगी चादरों पर पड़ी. उन्होंने इसके लिए डीएस और मैनेजर को जमकर फटकार लगायी. उनका कहना था कि बुधवार को हरा चादर बिछाये जाने के निर्देश के बावजूद दूसरे रंग के चादर बिछाये गये हैं.
जबकि, दो माह पहले ही अस्पताल प्रबंधन को सभी रंगों के दो-दो सौ चादर उपलब्ध कराये जा चुके हैं. इस दौरान कई कर्मियों ने उन्हें मैनेजर द्वारा चादर नहीं उपलब्ध कराये जाने की शिकायत भी की. इस दौरान जब सीएस ने इंचार्ज अशोक कुमार की खोज की, तो वह गायब पाये गये. इस पर सीएस ने इंचार्ज सहित इमरजेंसी शल्य कक्ष से गायब संजय कुमार और राम सहाय राम का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश देते हुए स्पष्टीकरण मांगा गया है.

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