अलाव के नाम पर रस्म अदायगी कर रहा नगर पंचायत प्रशासन
मोहनिया शहर : नगर पंचायत में ठंड व शीतलहर को देखते हुए अलाव की व्यवस्था तो की गयी है, पर इसे काफी कम जगहों पर ही जलाया जा रहा है. इस अलाव में लकड़ी नाममात्र की ही डाली जा रही है, जो थोड़ी ही देर में ठंडी पड़ जाती है. इसके कारण लोगों को अलाव […]
मोहनिया शहर : नगर पंचायत में ठंड व शीतलहर को देखते हुए अलाव की व्यवस्था तो की गयी है, पर इसे काफी कम जगहों पर ही जलाया जा रहा है. इस अलाव में लकड़ी नाममात्र की ही डाली जा रही है, जो थोड़ी ही देर में ठंडी पड़ जाती है. इसके कारण लोगों को अलाव का फायदा नहीं मिल पा रहा है. लोग बताते हैं कि अलाव तो जलाया जाता है, लेकिन कुछ ही देर में ठंडा हो जाता है. अलाव को पूरी रात जलना चाहिए, जिससे लोगों को लाभ मिल सके. शाम ढलते ही नाममात्र की लकड़ियों के टुकड़े जला कर छोड़ दिया जाता है, जो थोड़ी ही देर में राख का रूप ले लेता है. रात ढलने के साथ राहगीर व मुसाफिर अलाव की ओर बढ़ते हैं,
तो उन्हे बुझी राख के सिवा कुछ भी प्राप्त नहीं होता है. नगर पंचायत ने नगर में इतनी कम जगहों में अलाव की व्यवस्था की है कि नगर के अधिकतर भाग आज भी अछूते बने हुए हैं, जहां लोग कूड़ा जला कर ठंडक को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं. खास बात यह है कि शहर में नगर पंचायत द्वारा अलाव जलाने का दावा तो किया जा रहा है. लेकिन, हकीकत कुछ और है. अलाव के नाम पर केवल कोरम पूरा किया जा रहा है.