दो साल बाद भी पंचायत सचिव ने 25 लाख रुपये का नहीं दिया हिसाब
विभाग ने लिया संज्ञान पंचायत सचिव को भेजा गया नोटिस तीन दिनों में रिपोर्ट नहीं देने पर होगा केस भभुआ प्रखंड का मामला भभुआ नगर : सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशनधारियों को जब नकद रुपये दिये जाने का प्रावधान था, उस समय प्रखंडस्तर पर आवंटित किये गये रुपयों का उपयोगिता प्रमाणपत्र विभाग में […]
विभाग ने लिया संज्ञान पंचायत सचिव को भेजा गया नोटिस
तीन दिनों में रिपोर्ट नहीं देने पर होगा केस भभुआ प्रखंड का मामला
भभुआ नगर : सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशनधारियों को जब नकद रुपये दिये जाने का प्रावधान था, उस समय प्रखंडस्तर पर आवंटित किये गये रुपयों का उपयोगिता प्रमाणपत्र विभाग में जमा नहीं करनेवाले बीडीओ से जवाब तलब किया गया, जिसके बाद सभी प्रखंडों से रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी है. लेकिन, भभुआ प्रखंड के मनिहारी और रुपपुर सहित अन्य पंचायतों के प्रभार में रहनेवाले पंचायत सचिव ने अबतक विभाग को लगभग 25 लाख रुपये का लेखा-जोखा नहीं दिया है. इस मामले में भभुआ बीडीओ द्वारा पंचायत सचिव को नोटिस भी जारी किया जा चुका है. सामाजिक सुरक्षा निदेशक दुष्यंत कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2015-16 में नकद राशि का वितरण किया गया था. इस मामले में राज्य मुख्यालय द्वारा खर्च का विवरण मांगा गया था,
जिसमें अंतिम रूप से चैनपुर प्रखंड में 29 लाख अवशेष राशि प्राप्त हो चुकी है. जबकि, भभुआ प्रखंड से 25 लाख रुपये का विवरण अबतक नहीं मिल पाया है. इस मामले में तीन दिनों तक खर्च का ब्योरा या रुपये जमा नहीं किया जाता है, तो पंचायत सचिव पर एफआइआर दर्ज करायी जायेगी.
बांटे गये थे 44 करोड़ रुपये : वित्तीय वर्ष 2015-16 में कैमूर जिले में लगभग 44 करोड़ रुपये सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना अंतर्गत वितिरित किया गया था. विभागीय निर्देश के मुताबिक खर्च नहीं होनेवाली राशि को जमा करने का आदेश जारी होने के बाद जिला व प्रखंडस्तर के अधिकारियों में हड़कंप मच गया. भभुआ प्रखंड की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2015-16 में लगभग नौ करोड़ रुपये बांटे गये. वहीं मनिहारी व रूपपुर पंचायत सहित अन्य पंचायतों के प्रभार में रहनेवाले पंचायत सचिव राजेंद्र प्रसाद ने अबतक विभाग को 25 लाख रुपये का हिसाब नहीं दिया है.
वसूली के साथ होगा केस : इस मामले में भभुआ बीडीओ द्वारा पंचायत सचिव को नोटिस जारी किया जा चुका है. सामाजिक सुरक्षा निदेशक ने बताया कि बार-बार नोटिस के बावजूद पंचायत सचिव ने अबतक रिपोर्ट नहीं सौंपी है. आगामी 29 जनवरी को पटना में विभागीय बैठक होनेवाली है. तीन दिनों के अंदर सचिव द्वारा अगर बाउचर नहीं दिया जाता तो इस सरकारी रुपये के गबन का मामला मानते हुए पंचायत सचिव पर रुपये वसूली के साथ केस दर्ज कराया जायेगा.
क्या कहते हैं अधिकारी
पंचायत सचिव द्वारा अगर तीन दिनों के अंदर विवरण उपलब्ध नहीं कराया जाता तो केस दर्ज कराते हुए विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी.
दुष्यंत कुमार, सामाजिक सुरक्षा निदेशक