मजदूरों के रजिस्ट्रेशन में लिये जा रहे 400 सौ रुपये!

सरकार की योजनाओं को निचले स्तर पर मूर्त रूप देने में गड़बड़ी चांद : सरकार की कई योजनाओं को निचले स्तर पर मूर्त रूप देने में समस्याएं हो रही हैं. यहां तक कि सही लोगों तक उसकी जानकारी नहीं पहुंचती है. चांद में मजदूरों के पंजीकरण कराने में 200 से 400 रुपये लेने का मामला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2018 1:12 AM

सरकार की योजनाओं को निचले स्तर पर मूर्त रूप देने में गड़बड़ी

चांद : सरकार की कई योजनाओं को निचले स्तर पर मूर्त रूप देने में समस्याएं हो रही हैं. यहां तक कि सही लोगों तक उसकी जानकारी नहीं पहुंचती है. चांद में मजदूरों के पंजीकरण कराने में 200 से 400 रुपये लेने का मामला प्रकाश में आया है. कोनहरा, किलनी, बिउरी, गोई गांवों में विकास मित्र, आवास सहायक द्वारा दूसरे से फॉर्म भरवाया जा रहा है. जिनके पास जॉब कार्ड है, उनका भी फॉर्म भरा जा रहा है. जबकि, जो मनरेगा में कार्य किये हैं और उन्हें मजदूरी मिली है, उन्हीं को उसका लाभ मिल सकता है. लालच बस लोग रुपये देकर फॉर्म तो भरवा लेते हैं. लेकिन, जब उस योजना का लाभ नहीं मिलता हैं, तो परेशान होते हैं.
फॉर्म भरने के नाम पर लोगों से ज्यादा रुपये लिए जा रहे हैं. इसकी सूचना कहां से सही मिले यह भी पता नहीं है. गौरतलब है कि श्रम प्रवर्तन विभाग मजदूरों का रजिस्ट्रेशन करता है. रजिस्ट्रेशन करने के लिए आधार कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति, तीन फोटो, मनरेगा का जॉब कार्ड और 50 रुपये लगता है. मजदूरों का रजिस्ट्रेशन हो जाने के बाद उन्हें कम करने के लिए सामान खरीदने के लिए 15 हजार रुपये प्रतिवर्ष सरकार देती है. रजिस्ट्रेशन पांच साल के लिए होता है,
अगर कामगार की दुर्घटना में मौत हो जाती है तो उसके परिजन को सरकार चार लाख रुपये देती है और साधारण मौत पर एक लाख रुपये दिया जात है. 60 वर्ष से ज्यादा उम्र होने पर पेंशन भी मिलती है.
बोले अधिकारी
इस संबंध में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी दीपक शर्मा ने कहा कि मजदूरों से रजिस्ट्रेशन के लिए 50 रुपये ही लेने का प्रावधान है. उनके पास तीन प्रखंडों का प्रभार है. समय नहीं मिलता है कि सब देखरेख करें. ज्यादा रुपये लेना गलत है. फॉर्म विकास मित्र और आवास सहायक को दिया गया है.

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