विकास पर खर्च होंगे 13 करोड़ रुपये
औरंगाबाद नगर : शनिवार को जिला परिषद की एक महत्वपूर्ण बैठक सभागार में जिप अध्यक्ष नीतू सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गयी. बैठक में अधिकतर पदाधिकारियों की उपस्थिति नहीं होने पर जिला परिषद सदस्यों ने जम कर हंगामा किया. इस दौरान सदस्यों ने कहा कि जिले के विकास की रूपरेखा तैयार करने के लिए […]
औरंगाबाद नगर : शनिवार को जिला परिषद की एक महत्वपूर्ण बैठक सभागार में जिप अध्यक्ष नीतू सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गयी. बैठक में अधिकतर पदाधिकारियों की उपस्थिति नहीं होने पर जिला परिषद सदस्यों ने जम कर हंगामा किया. इस दौरान सदस्यों ने कहा कि जिले के विकास की रूपरेखा तैयार करने के लिए यह बैठक बुलायी जाती है, लेकिन सूचना मिलने के बाद भी पदाधिकारी बैठक में नहीं आते हैं. इसलिए अनुपस्थित पदाधिकारियों के ऊपर कार्रवाई की जाये.
इस दौरान डीडीसी सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी संजीव सिंह ने कहा कि अनुपस्थित पदाधिकारी सिविल सर्जन, शिक्षा विभाग के डीपीओ, जिला मत्स्य पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक, जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता, पथ निर्माण के कार्यपालक अभियंता, उत्तर कोयल नहर के कार्यपालक अभियंता, जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी, सदर बीडीओ, कुटुंबा, नवीनगर, मदनपुर व बिहार राज्य खाद्य निगम के पदाधिकारी अनुपस्थित रहे. इन सभी लोगों से स्पष्टीकरण पूछा जायेगा. संतोषजनक जवाब नहीं देने पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, तब जाकर बैठक की शुरू हुई.
बनेंगी स्मार्ट पंचायतें
बैठक में निर्णय लिया गया कि पंचम वित्त आयोग की जो राशि है उससे स्मार्ट पंचायत बनाने के लिए खेल मैदान, शौचालय, लाइट लगाने का निर्णय लिया गया. सदस्यों ने कहा कि सरकार द्वारा जिले के सभी राजस्व गांवों में विद्युतीकरण की बात कही जा रही है, लेकिन दर्जनों गांवों में अब तक बिजली नहीं पहुंची है. सदस्यों ने कहा कि मध्याह्न भोजन के दौरान अंडा व फल बच्चों देने का प्रावधान है, लेकिन विद्यालयों में नहीं दिया जा रहा है. प्रखंड साधनसेवी व मध्याह्न भोजन के द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण नहीं किया जाता है, बल्कि राशि की लूट करने में लगे रहते हैं. एक-एक प्रखंड साधनसेवी पिछले कई वर्षों से एक ही प्रखंड में कार्यरत हैं, ऐसे लोगों के रूप कार्रवाई की जाये. साथ ही जिले के विकास को लेकर एक सुदृढ़ रूपरेखा तैयार करने को लेकर भी चर्चा हुई.
उठा मनरेगा का भी मामला
सदस्यों ने कहा कि सरकार द्वारा मनरेगा के कार्य कराने की अनुमति जिला परिषद को दिया गया है, लेकिन जिला परिषद का लॉगिंग नहीं रहने के कारण काम नहीं हो पा रहा है. इस पर निर्णय लिया गया कि केंद्र सरकार को इसके लिए पत्र लिखा जाये. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 में 13 करोड़ 51 लाख 21 हजार 552 रुपये की लागत से विकास कार्य कराया जायेगा. इस बैठक में उपाध्यक्ष महिपत राम, जिला पार्षद सदस्य शंकर यादव, दीनानाथ विश्वकर्मा, शशिभूषण शर्मा, शीला देवी, नसरीन निशा, नीलू देवी, सरोज देवी, रामकृष्ण कुमार, सुनीता देवी, कविता देवी, सुमन देवी, कुंती देवी व बैजनाथ पासवान के अलावा सभी सदस्य व डीआरडीए निदेशक शिव कुमार शैव, वरीय उपसमाहर्ता सीमा कुमार, डीपीआरओ धर्मवीर सिंह व जिला शिक्षा पदाधिकारी रामप्रवेश सिंह मौजूद थे.