सुबह से शाम तक इंतजार कर बैरंग लौटे किसान

तीन दिनों से बंद है बिस्कोमान से किसानों को खाद का आवंटन रामगढ़ सदर : बरसात की पहली फुहार से ही किसानों की दिनचर्या बदल गयी है. किसान धान के बिचड़े और खाद तथा बुआई की तैयारी में जुट गये हैं. मगर पिछले तीन दिनों से रामगढ़ क्षेत्र के किसान रामगढ़ स्थित बिस्कोमान भवन में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 29, 2018 5:26 AM
तीन दिनों से बंद है बिस्कोमान से किसानों को खाद का आवंटन
रामगढ़ सदर : बरसात की पहली फुहार से ही किसानों की दिनचर्या बदल गयी है. किसान धान के बिचड़े और खाद तथा बुआई की तैयारी में जुट गये हैं. मगर पिछले तीन दिनों से रामगढ़ क्षेत्र के किसान रामगढ़ स्थित बिस्कोमान भवन में खाद के लिए आ रहे हैं और शाम तक इंतजार के बाद मायूस होकर घर वापस लौट जा रहे हैं.
कारण कि बिस्कोमान से तीन दिनों से खाद आवंटन बंद है. सिंचाई की व्यवस्था तो किसान अपने निजी साधनों से कर ले रहे हैं. मगर, खाद नहीं मिलने के कारण बिचड़ों की वृद्धि नहीं हो रही है. इस कारण किसान काफी चिंतित हैं.
अगर शुरुआत में ही यह आलम है तो आगे क्या होगा. यह विषय किसानों को सताने लगा है. किसानों के इस दर्द को न तो यहां के जनप्रतिनिधि ही समझ रहे हैं और ना ही प्रशासन के पदाधिकारी. अगर आलम यही रहा तो इस बार धान के पैदावार में अत्यधिक गिरावट को नाकारा नहीं जा सकता. किसानों का कहना था कि हमेशा यही होता है. लिंक फेल होने की बात कह कर किसानों को टाल दिया जाता है.
मगर, जब व्यवसायी आते हैं तो उन्हें खाद मिल जाता है, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है. मौके पर बनके बहुआरा के किसान श्याम बिहारी राय, जेवरी के किसान प्रवीण कुमार, नरहन के किसान संजय साह और विजय शंकर पाठक, कृष्णपुरा के किसान कृष्णकांत पांडेय, दीपक पांडेय सहित दर्जनों किसान उपस्थित रहे. इस संबंध में रामगढ़ प्रखंड पदाधिकारी जनार्दन तिवारी से पूछा गया, तो उन्होंने मीटिंग में होने की बात कहा कर फोन काट दिया.
बोले किसान
नरहन के युवा किसान हेम कुमार ने बताया की वर्तमान सरकार में किसानों का दोहन किया जा रहा है. आज आलम यह है कि कभी किसानों का देश कहे जाने भारत के किसान अपनी लाचारी और बेबसी पर आत्महत्या करने को मजबूर हैं. हमें न तो सरकार द्वारा समय पर बिचड़ा मिलता है और ना ही खाद मिल पाता है. इसके कारण बिचौलियों के माध्यम से ऊंचे दामों पर मजबूरन खाद और बीज खरीदना पड़ता है.
छोटकी कुल्हाड़ियां के किसान नीरज सिंह ने बताया कि आज हम तीन दिन से खाद के लिए आ रहे हैं. मगर खाद नहीं मिल रहा है. अगर समय पर बिचड़े में खाद नहीं डाला गया, तो रोगग्रस्त हो जायेगा. इससे उत्पादन पर काफी असर पड़ेगा.
कृष्णपुरा के किसान मदन पांडेय ने कहा कि बुधवार को जब हम यहां आये तो कहा गया कि गुरुवार को खाद दिया जायेगा. मगर, गुरुवार को जब हम लोग अपने वाहन लेकर आये तो पता चला की लिंक फेल है. लिंक सुधरने व इंतजार में शाम हो गयी. मगर, खाद नहीं मिला. वाहन का भाड़ा भी व्यर्थ ही हमें भुगतान पड़ा.
बोले पदाधिकारी
इस संबंध में बिस्कोमान के मैनेजर अजय कुमार ने बताया कि अब आवंटन की प्रक्रिया ऑनलाइन हो जाने के कारण पिछले दो दिन सॉफ्टवेयर को अपटूडेट करने में व्यतीत हो गया. आज जब आवंटन शुरू किया गया, तो पॉश मशीन ने ही काम करना बंद कर दिया. इसके कारण आवंटन नहीं किया जा सका.
व्यापारियों को खाद दिये जाने के आरोप पर अजय कुमार ने बताया कि कौन किसान है और कौन व्यापारी यह हम नहीं बता सकते. खाद के आवंटन आधार कार्ड द्वारा किया जाता है. अगर लिंक सही रहता है तो हम सिर्फ किसानों को उनके आधार कार्ड द्वारा ही खाद देते हैं और उक्त आरोप बेबुनियाद हैं.

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