एडीजे प्रथम की अदालत ने सुनायी सजा
भभुआ कोर्ट : एडीजे प्रथम रामरंग तिवारी की अदालत ने गोली मार कर हत्या करने के जुर्म में दुर्गावती थाना अंतर्गत डुमरी निवासी सरदार अहमद खां के पुत्र सरताज खां को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है. जबकि, सह अभियुक्त उसी गांव के लियाकत खां के पुत्र तौहिद खां […]
भभुआ कोर्ट : एडीजे प्रथम रामरंग तिवारी की अदालत ने गोली मार कर हत्या करने के जुर्म में दुर्गावती थाना अंतर्गत डुमरी निवासी सरदार अहमद खां के पुत्र सरताज खां को आजीवन कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है. जबकि, सह अभियुक्त उसी गांव के लियाकत खां के पुत्र तौहिद खां को हत्या करने के प्रयास के जुर्म में 10 वर्ष का कारावास और 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा मुकर्रर की है.
गौरतलब है कि विगत दो जुलाई 2015 को रात 10 बजे सूचक सरफराज खां के घर के सामने गली में अभियुक्त सरताज खां, तौहिद खां, फिरोज खां, शाहिद खां, तौसीद खां सहित 11 अभियुक्तों के साथ हरवे हथियार से लैस होकर सरफराज खां और मसउद खां को लाठी-डंडे से मारपीट करने लगे और सरताज खां रायफल से मसउद खां को गरदन में गोली मार दी. इससे उनकी मौत घटनास्थल पर ही हो गयी. तौहिद खां बंदूक से नसरूद्दीन के गरदन में गोली मार दी.
परंतु, वे संयोगवश बच गये. घटना का कारण है कि सूचक सरफराज खां उर्दू मध्य विद्यालय के शिक्षक है और मुदालय सरताज खां भी उसी विद्यालय में शिक्षक हैं. दोनों पक्षों के बीच मध्याह्न भोजन व वित्तीय अनियमितता को लेकर मनमुटाव चल रहा था. दोनों अभियुक्तों को न्यायालय ने 27 आर्म्स एक्ट के तहत भी दोषी पाया है.
इसमें पांच वर्ष का सश्रम कारावास और 10 हजार रुपया अर्थदंड की सजा दी है. अर्थदंड की राशि नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी. उक्त वाद दुर्गावती थाना कांड संख्या 139/15 में सिर्फ पांच अभियुक्तों के खिलाफ ही चार्ज सीट दायर किया गया था. जबकि, अन्य 11 अभियुक्तों के खिलाफ अनुसंधान जारी है. सरकार की ओर से एपीपी वाजिद अहमद खां और मुन्ना सिंह जबकि बचाव पक्ष से अजीत सिंह यादव ने अपनी दलील पेश की थी.