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सदर अस्पताल में शाम की ओपीडी सेवा दो महीने से बंद

भभुआ : अगर कोई व्यवस्था को ध्वस्त करना सीखना है, तो भभुआ के सदर अस्पताल चले आइए. यहां गुपचुप तरीके से किसी भी बनी बनायी बेहतर व्यवस्था को बहुत आराम से ठप कर दिया जाता है. इसका उदाहरण है कि लगभग चार वर्षों से सदर अस्पताल में चल रहे ओपीडी सेवा को पिछले दो महीने […]

भभुआ : अगर कोई व्यवस्था को ध्वस्त करना सीखना है, तो भभुआ के सदर अस्पताल चले आइए. यहां गुपचुप तरीके से किसी भी बनी बनायी बेहतर व्यवस्था को बहुत आराम से ठप कर दिया जाता है. इसका उदाहरण है कि लगभग चार वर्षों से सदर अस्पताल में चल रहे ओपीडी सेवा को पिछले दो महीने से पूरी तरह से ठप कर दिया गया है.
यह लगभग एक साल पहले चिकित्सकों की कमी का हवाला देकर शाम का ओपीडी जो दो बजे दिन से आठ बजे शाम तक चलता था, उसे घटा कर पांच बजे तक कर दिया गया है और दो महीना पहले जनवरी के प्रथम सप्ताह में शाम का ओपीडी सेवा पूरी तरह से बंद कर दिया गया.
वर्तमान में सिर्फ सुबह का ओपीडी यानी आठ बजे से दो बजे तक ही चलाया जा रहा है. इसके कारण सैकड़ों की संख्या में मरीज प्रतिदिन बगैर इलाज के लिए सदर अस्पताल से वापस लौट रहे हैं.
व्यवस्था को गुपचुप तरीके से कर दिया गया ठप! : सरकार व विभागीय सचिव ने आमलोगों को ज्यादा से ज्यादा स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जाये, इस उद्देश्य से सुबह आठ बजे से रात के आठ बजे तक ओपीडी सेवा चलाने का आदेश जारी किया था. लेकिन, बनी बनायी व्यवस्था को ध्वस्त कर दिया गया. सरकार प्रतिदिन स्वास्थ्य सेवा को और बेहतर बनाने के लिए नये-नये कार्यक्रम व व्यवस्था बना रही है. लेकिन, भभुआ सदर अस्पताल में बनी बनायी व्यवस्था को ध्वस्त किया जा रहा है.
दवा का काउंटर भी दो बजे हो जाता है बंद : दो बजे ओपीडी सेवा बंद होने के कारण दवा का काउंटर भी बंद हो जाता है. वहीं इमरजेंसी वार्ड में भी इमरजेंसी के लिए अलग से दवा का काउंटर नहीं है. इमरजेंसी की कुछ दवाएं स्टाफ के कमरे में रखी जाती हैं. इमरजेंसी के लिए कोई भी आपातकालीन ड्रग काउंटर नहीं बनाया गया है. ऐसे में सुबह आठ बजे से दो बजे के बाद सदर अस्पताल से किसी तरह की दवा चाहिए, तो मिलना संभव नहीं है.
स्वास्थ्य सचिव ने जारी किया था आदेश
2014 में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने सुबह आठ बजे से दो शिफ्टों में शाम आठ बजे तक ओपीडी सेवा सभी सदर अस्पतालों में चलाने का आदेश जारी किया था. पहले शिफ्ट को आठ बजे सुबह से दो बजे दिन तक चलाना था. वहीं दूसरे शिफ्ट को तीन बजे शाम से आठ बजे शाम तक चलाना था.
प्रधान सचिव के उक्त आदेश पर कैमूर के तत्कालीन सिविल सर्जन केवीपी सिंह ने सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक भभुआ सदर अस्पताल में दो शिफ्टों में ओपीडी सेवा शुरू भी करा दी.
लेकिन, उनके जाने के बाद फरवरी 2018 में तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ नंदेश्वर प्रसाद ने चिकित्सकों की कमी का हवाला दे शाम के ओपीडी का समय घटा कर शाम तीन बजे से पांच बजे तक कर दिया और जनवरी 2019 के प्रथम सप्ताह से सदर अस्पताल में शाम का ओपीडी जो तीन बजे से पांच बजे तक चल रहा था उसे भी बंद कर दिया गया है. वर्तमान में सिर्फ सुबह के आठ बजे से दो बजे तक ही ओपीडी चलाया जा रहा है.
क्या कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार ने बताया कि चिकित्सकों के कमी के कारण शाम का ओपीडी बंद किया गया है. प्रकाशोत्सव में पटना प्रतिनियुक्ति पर चिकित्सक गये थे. वे लौटे भी हैं तो अभी विभिन्न जगहों पर ड‍्यूटी लगा दिया जा रहा है. जिसके कारण शाम का ओपीडी बंद है.
क्या कहते हैं डीएम
उक्त मामले में डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी
ने बताया कि इसकी जानकारी मुझे नहीं थी. मैं अभी तत्काल इसे लेकर बात करता हूं और
मरीजों के हितों का ख्याल रखते हुए जल्द ही इसे शुरू कराया जायेगा.

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