जिले में 12 हजार एमटी गेहूं की होगी खरीद, पैक्स को किया गया चिह्नित, एक सप्ताह के अंदर शुरू होगी खरीद

भभुआ नगर : जिले में एक सप्ताह के अंदर गेहूं की खरीदारी की जायेगी. इसके लिए 44 पैक्स समितियों का चयनित किया गया है. जिले में गेहूं खरीदारी करने का लक्ष्य सरकार द्वारा 12000 एमटी निर्धारित किया गया है. हालांकि जिले में लगभग 80 प्रतिशत गेहूं की कटाई किसानों द्वारा कर ली गयी है. उसके […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 24, 2019 8:26 AM

भभुआ नगर : जिले में एक सप्ताह के अंदर गेहूं की खरीदारी की जायेगी. इसके लिए 44 पैक्स समितियों का चयनित किया गया है. जिले में गेहूं खरीदारी करने का लक्ष्य सरकार द्वारा 12000 एमटी निर्धारित किया गया है. हालांकि जिले में लगभग 80 प्रतिशत गेहूं की कटाई किसानों द्वारा कर ली गयी है.

उसके बावजूद किसानों को अपना गेहूं बेचने के लिए एक सप्ताह से अधिक इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि विभाग द्वारा अभी तक गेहूं की खरीदारी जिले के कोई समिति द्वारा नहीं किया जा रहा है.
विभाग से मिली जानकारी के अनुसार गेहूं की खरीदारी करने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित दर 1850 रुपये है, लेकिन समिति द्वारा गेहूं की खरीदारी नहीं करने के कारण किसान अपने गेहूं को ओने पौने दाम पर बेचने को मजबूर हैं. इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला सहकारिता पदाधिकारी ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर स्वीकृत की गयी सभी समितियों को सीसी उपलब्ध करा दी जायेगी,जो किसानों के गेहूं की खरीदारी करेगी.
किसानों से समय से अनाज की खरीद भी रहेगा चुनावी मुद्दा
भभुआ नगर : लोकसभा चुनाव में किसानों से समय से धान एवं गेहूं की खरीदारी भी मुद्दा बन गया है. जिले के किसानों का कहना है कि सरकार की आेर से किसानों के प्रति उदासीनता बरती नहीं जाये.
फसल जब तैयार होता है तो उसको खरीदने के लिए कोई समिति कार्य नहीं करती है, लेकिन जब किसान अपने अनाज को ओने-पौने दाम पर बेच देते हैं, तो सरकार द्वारा अनाज की खरीदारी की जाती है. यह समस्या भी लोकसभा चुनाव का मुद्दा होनी चाहिए.
इस संबंध में भभुआ प्रखंड के महेसुआ के किसान रामप्रसाद सिंह, रामपुर प्रखंड के पचाई गांव के किसान तेग बहादुर सिंह सहित कई किसानों का कहना है कि फसल जब तैयार होती है, तो कोई भी खरीदार नहीं आता है और ना ही उनको सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य मिल पाता है. इसके कारण औने-पौने दाम पर गेहूं की फसल को बेच दिया जा रहा है. समय से अनाज की खरीदारी भी चुनावी मुद्दा होगी.

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