शाम होते ही स्टैंड में पसर जाता है अंधेरा, स्टैंड के प्रतीक्षालय में असामाजिक तत्वों का रहता है जमावड़ा

मोहनिया शहर : स्थानीय अनुमंडल मुख्यालय के शहर में स्थित जिला पर्षद का बस स्टैंड की स्थिति बदहाल है. यहां पेयजल से लेकर सफाई व लाइट की व्यवस्था नहीं है. इससे शाम होते ही अंधेरा पसर जाता है. स्टैंड में सुविधाओं की घोर कमी है. गर्मी में यात्रियों के लिए पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2019 8:13 AM

मोहनिया शहर : स्थानीय अनुमंडल मुख्यालय के शहर में स्थित जिला पर्षद का बस स्टैंड की स्थिति बदहाल है. यहां पेयजल से लेकर सफाई व लाइट की व्यवस्था नहीं है. इससे शाम होते ही अंधेरा पसर जाता है. स्टैंड में सुविधाओं की घोर कमी है. गर्मी में यात्रियों के लिए पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है. यहां यात्री सुविधाओं का घोर अभाव नजर आता है और मुसाफिरों को यहां भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

स्टैंड में जगह-जगह अतिक्रमण कर लिया गया है. बस स्टैंड में एक भी चापाकल नहीं लगाये गये है, जो भी स्टैंड में दुकान है उससे यात्री अपना इस गर्मी में प्यास बुझाने को विवश हैं. वह भी पानी तब मिलता हैं, जब उस दुकान से कुछ नाश्ता करेंगे.
गौरतलब है कि यह अंतरराज्यीय बस स्टैंड हैं. यहां से रांची, वाराणसी, कोलकाता से लेकर लोकल स्तर पर प्रतिदिन बसें स्टैंड से निकलती हैं. स्टैंड में यात्री को बैठने के लिए एक प्रतीक्षालय बनाया गया है. इसमें हमेशा कूड़ा लगा रहता है. चारों तरफ गंदगी फैला रहता है. इसके बीच लोग बैठ कर बसों का इंतजार करने को मजबूर रहते हैं. इसे लाखों रुपये की लागत से यात्री शेड बनाया गया था. पर, अब यह बदहाल हो गया है और दुकानदारों का प्रतीक्षालय में कब्जा जमाया गया है. प्रतीक्षालय के पास अवैध टेंपो व वाहन स्टैंड बना दिया गया है, वहां वाहन खड़े रहते हैं.
इससे आने जाने वालों को परेशानी होती है. स्टैंड में यात्रियों को पानी पीने के लिए एक भी चापाकल नहीं है. जबकि जो दुकानदार चापाकल लगाये हैं. वह बिना दुकान पर कुछ खाये पानी पीने से मना करते हैं. शेड के अंदर ऊपर में स्थित रेस्टोरेंट का गंदा पानी भी गिरता है. इसके कारण महीनों दिन से पड़े कूड़ा सड़ कर दुर्गंध निकलती है. इससे कोई शेड के अंदर बैठ नहीं सकता है. लेकिन बसों के इंतजार में लोग मजबूरी में किसी तरह बैठते हैं.
मोहनिया बस स्टैंड में अंधेरा का फायदा उठा कर यहां गांजा पीने वालों की भीड़ लगी रहती है. साथ ही यात्री शेड में अतिक्रमण कर कई दुकानें खोल लोग चला रहे हैं. लेकिन इस समस्या से जिला पार्षद का कोई ध्यान नहीं है. जबकि, जिला पार्षद के ही अधीन मोहनिया का बस स्टैंड आता है. इससे जिला पार्षद राजस्व भी वसूल करता है. लेकिन, सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं है. लोग असुविधा के बीच यात्रा करने को विवश है.

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