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खेल मैदान की महत्वाकांक्षी योजना से जिले की 13 पंचायतें हुईं बाहर

सरकार के निर्देश पर जिले में मनरेगा योजना से बनाये जाने वाले खेल मैदानों की सूची से जिले की 13 ग्राम पंचायतें फिलहाल बाहर हो गयी हैं.

भभुआ. सरकार के निर्देश पर जिले में मनरेगा योजना से बनाये जाने वाले खेल मैदानों की सूची से जिले की 13 ग्राम पंचायतें फिलहाल बाहर हो गयी हैं. इन पंचायतों में खेल मैदान के लिए पर्याप्त भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण यहां खेल मैदानों का निर्माण रोक रखा गया है. गौरतलब है कि पूर्व में सरकार के निर्देश पर जिले की सभी 146 ग्राम पंचायतों में खेल मैदानों का निर्माण कराया जाना था. सरकार की योजना जिले की सभी पंचायतों में कम से कम एक खेल मैदान बनाने की थी. इसे लेकर खेल मैदानों के निर्माण के लिए भूमि के उपलब्धता के चार श्रेणी बनाये गये थे. प्रथम श्रेणी चार एकड़ तक, दूसरा श्रेणी एक एकड़ से लेकर डेढ़ एकड़ तक तथा तीसरी श्रेणी में एक एकड़ से कम के छोटे मैदान रखे गये थे. लेकिन, इधर, इस संबंध में पूछे जाने पर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा संजय कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा खेल मैदानों के निर्माण का शिलान्यास किये जाने के बाद जिले की 133 ग्राम पंचायतों में 171 खेल मैदानों का निर्माण आरंभ करा दिया गया है. लेकिन, जिले की 13 ग्राम पंचायतें जिसमें भभुआ प्रखंड की अखलासपुर, डुमरैठ तथा मोकरी, चैनपुर प्रखंड की सिकंदरपुर तथा सिरबिट, चांद प्रखंड की चौरी तथा सिरिहिरा, दुर्गावती प्रखंड की जेवरी, कुदरा प्रखंड की पचपोखरी, मोहनिया प्रखंड की अकोढी मेला, नुआंव प्रखंड की अखनी, रामगढ प्रखंड की बंदीपुर तथा रामपुर प्रखंड की पसाई ग्राम पंचायत में जमीन नहीं मिलने के कारण फिलहाल खेल मैदानों का निर्माण स्थगित है. अगर भविष्य में इन पंचायतों में जमीन उपलब्ध हो जाती है तो खेल मैदानों का निर्माण आरंभ करा दिया जायेगा. = प्रैक्टिस की सुविधाएं बहाल करने का प्रयास गौरतलब है कि जिले में अभी बनाये जा रहे खेल मैदानों की सुविधा गांवों में मार्च 2025 तक बहाल कर दिये जाने का सरकारी लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके तहत जिले में चार एकड़ के रकबा में 71 बड़े मैदान, एक से डेढ़ एकड़ के रकबा में 65 मध्यम आकार के मैदान तथा एक एकड़ से कम रकबा में 34 खेल मैदानों का निर्माण कराया जाना है. इन खेल मैदानों पर सरकार के निर्देश पर आवश्यक और जगह के अनुसार खेल की बुनियादी सुविधाओं सहित कम से कम दौड़ ट्रैक, बास्केट बॉल कोर्ट, बैडमिंटन कोर्ट, बॉलीवाल कोर्ट, लॉग जंप और हाई जंप आदि के प्रैक्टिस की सुविधाएं बहाल करने का प्रयास किया जायेगा. इस तरह जिले में हो रहे खेल मैदानों के निर्माण पर सरकार 16 करोड़ 45 लाख रुपये खर्च करेगी.

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