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हनुमानघाट के पास बनेगा डैम, ऑफिसर करेंगे जांच

भभुआ : जिले के मशहूर जलप्रपात तेलहाड़ कुंड से सूअरा नदी में गिरने वाले पानी को संरक्षित करने के लिए हनुमान घाट के पास डैम का निर्माण कराया जायेगा. इसे लेकर जिलाधिकारी कैमूर द्वारा आधा दर्जन विभागों के पदाधिकारियों को स्थल का भौतिक जांच करने का निर्देश दिया गया है. डैम बन जाने के बाद […]

भभुआ : जिले के मशहूर जलप्रपात तेलहाड़ कुंड से सूअरा नदी में गिरने वाले पानी को संरक्षित करने के लिए हनुमान घाट के पास डैम का निर्माण कराया जायेगा. इसे लेकर जिलाधिकारी कैमूर द्वारा आधा दर्जन विभागों के पदाधिकारियों को स्थल का भौतिक जांच करने का निर्देश दिया गया है. डैम बन जाने के बाद चैनपुर प्रखंड के किसानों के खेत में फसल लहलहाने लगेगी.

जानकारी के अनुसार, चैनपुर प्रखंड में किसानों के पटवन की समस्या को लेकर सासाराम भभुआ लोक सभा के सांसद छेदी पासवान द्वारा तेलहाड़ कुंड का सूअरा नदी में गिरने वाले पानी को संरक्षित करने का प्रस्ताव जिला प्रशासन को बिते जुलाई माह में दिया गया था. इसमें तेलहाड़ कुंड के सूअरा नदी में गिर रहे पानी को हनुमान घाट के पास बांध बना कर संरक्षित करने का अनुरोध किया गया था.
इसके आलोक में अब जिलाधिकारी कैमूर द्वारा कार्यपालक अभियंता सोन नहर प्रमंडल, कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई विभाग कैमूर, उप निदेशक कृषि अभियंद्त्रण कैमूर, सहायक निदेशक भूमि संरक्षण कैमूर, जिला योजना पदाधिकारी कैमूर तथा उप विकास आयुक्त कैमूर को संयुक्त रूप से स्थल का भौतिक निरीक्षण करके कार्य योजना से संबंधित स्पष्ट प्रतिवेदन जांच टीम के मंतव्य के साथ एक सप्ताह के अंदर मांगा गया है. ताकि इस योजना को असली जामा पहनाने के लिए अग्रेतर कार्रवाई आरंभ करायी जा सके.
चार से पांच किलोमीटर की यात्रा कर नदी में गिरता है तेलहाड़ कुंड का पानी : पहाड़ी प्रखंड अधौरा में जिले का मशहूर जलप्रपात तेलहाड़ कुंड जिले में प्रकृति के अनुपम अवदानों का एक धरोहर है.
इस जलप्रपात के बल खाती पानी के लहरों को देखने और पहाड़ी सौंदर्य का आनंद उठाने के लिए लोग दूर-दूर से जंगल के सीने को चीरते हुये यहां तक पहुंचते हैं. गौरतलब है कि अधौरा प्रखंड के जमुनीनार मोड़ के पास, तेलहाड़ में पहाड की छोटी-छोटी नदियों के पानी के मिलन के बाद एक बड़ा जल श्रोत तैयार हो जाता है. जो पहाड़ी चट‍्टानों पर अठखेलियां खाते तेलहाड़ से सैकड़ो मीटर नीचे कुंड में गिरता है.
कुंड में गिरने के बाद यह पानी लगभग चार से पांच किलोमीटर की यात्रा कर भगवानपुर प्रखंड के पहाड़ी तलहटी में बने हनुमान घाट के पश्चिम सूअरा नदी में गिरता है. वर्तमान में बांध नहीं होने के कारण यह पानी दुर्गावती और कर्मनाश नदी के में मिल कर उत्तरप्रदेश की ओर निकल जाता है.
पानी के संचय के लिए पूर्व में भी बनाये गये हैं डैम
भभुआ. सुअरा नदी पर प्रस्तावित डैम पहाड़ी नदियों के पानी को संरक्षित करने के लिये पहला डैम नहीं होगा. जिले में इसके पूर्व भी पहाड़ों को बांध कर कुछ छोटे-बड़े डैमों का निर्माण कराया गया है. जो जिले के सिंचाई व्यवस्था में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं. जिसमें जिले के सबसे बड़ी सिंचाई परियोजना दुर्गावती जलाशय डैम का नाम लिया जा सकता है.
उक्त डैम पर तीन तरफ से पहाड़ी को बांध कर रोहतास और कैमूर के पहाड़ी से गिरने वाले नदियों को पानी का संरक्षित कर दोनों जिले में एक बड़े भू-भाग का पटवन कराया जा रहा है. इसी तरह छोटी परियोजनाओं में अमरपुर-बुच्चा डैम, रसायना डैम, तुताईन डैम, जगदहवां डैम आदि का भी नाम लिया जा सकता है. इससे जिले में खेतों की सिंचाई हो रही है.

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