वन भूमि पर अधिकार के दावे पर जिलाधिकारी ने की सुनवाई

भभुआ : कैमूर वन प्रमंडल के विभिन्न क्षेत्रों वन भूमि पर खेती बारी सहित अन्य काम करनेवाले वनवासियों को वनाधिकार अधिनियम के तहत की जा रही मांग के आलोक में समाहरणालय में वनवासियों का पक्ष वनाधिकार समिति द्वारा समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी द्वारा सुना गया. समिति के समक्ष बुधवार को अपना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2019 8:59 AM

भभुआ : कैमूर वन प्रमंडल के विभिन्न क्षेत्रों वन भूमि पर खेती बारी सहित अन्य काम करनेवाले वनवासियों को वनाधिकार अधिनियम के तहत की जा रही मांग के आलोक में समाहरणालय में वनवासियों का पक्ष वनाधिकार समिति द्वारा समिति के अध्यक्ष जिलाधिकारी डॉ नवल किशोर चौधरी द्वारा सुना गया.

समिति के समक्ष बुधवार को अपना पक्ष रखने के लिये अधौरा प्रखंड के आठ गांवों के 90 वनवासी उपस्थित हुए. सुनवाई के बाद जिला प्रशासन द्वारा वनाधिकार अधिनियम के आलोक में वनवासियों के सुनवाई की पूरी रिपोर्ट सरकार को भेजी जायेगी.
कैमूर वन प्रमंडल के विभिन्न भागों में वर्षों से वन भूमि पर खेती कर रहे या मड़ई मचान लगा कर रह रहे वनवासियों को अपना पक्ष रखने के लिये बुधवार को जिला वनाधिकारी समिति के समक्ष 122 लोगों को उपस्थित होने का नोटिस दिया गया था. जिसे लेकर अधौरा प्रखंड के ताला, गोईयां सहित आठ गांव के वनवासी समाहरणालय पहुंचे थे.
गौरतलब है कि वनाधिकार अधिनियम 2006-06 के आलोक में वन भूमि पर वर्षों से अपना जीवन निर्वाह दिखाते हुए कई वनवासियों द्वारा जिला प्रशासन को आवेदन देकर वन भूमि पर अधिकार दिये जाने का मांग किया गया था. इधर इस संबंध में वनाधिकारी समिति द्वारा वन भूमि पर दावा करने से संबंधित प्रमाण का मांग किया गया. वन समिति द्वारा यह भी जांच किया गया कि वन भूमि पर रह रहे वनवासी को पुस्तैनी जमीन या सरकार द्वारा वितरित लाल कार्ड की जमीन प्राप्त है अथवा नहीं.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
जिला वन प्रमंडल पदाधिकारी ने बताया कि वन वासियों के वन भूमि पर अधिकार के मामले की सुनवाई के बाद इसकी पूरी रिपोर्ट सरकार को भेजी जायेगी. जिस पर अंतिम निर्णय सरकार स्तर से ही लिया जायेगा. समिति में डीएफओ विकास अहलावत सहित सदस्य जिला कल्याण पदाधिकारी भी उपस्थित थे.

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