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अंधविश्वास : सदर अस्पताल में बीमार महिला की हुई झाड़-फूंक

भभुआ सदर : ग्रामीण समाज में आज भी लोग अंधविश्वास में बुरी तरह से जकड़े हुए है. इसके चलते जादू टोना झाड़-फूंक का चलन है और लोग उसपर लाख जागरूकता अभियान चलाये जाने के बाद भी विश्वास करते है तभी तो भभुआ थानाक्षेत्र के कलौंज गांव की एक महिला को बुधवार सुबह जब किसी जहरीले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2019 8:30 AM

भभुआ सदर : ग्रामीण समाज में आज भी लोग अंधविश्वास में बुरी तरह से जकड़े हुए है. इसके चलते जादू टोना झाड़-फूंक का चलन है और लोग उसपर लाख जागरूकता अभियान चलाये जाने के बाद भी विश्वास करते है तभी तो भभुआ थानाक्षेत्र के कलौंज गांव की एक महिला को बुधवार सुबह जब किसी जहरीले जीव ने काट लिया, तो महिला के परिजन उसे इलाज के लिये सदर अस्पताल भभुआ ले आये. लेकिन, अंधविश्वासी परिजन महिला को तो इलाज के लिये लाये ही. साथ ही अपने गांव से एक ओझा भी साथ अस्पताल लेते आये.

जहां, इमरजेंसी में इलाज के दौरान बेड पर ही खुलेआम ओझा द्वारा नीम के पत्ते से झाड़ फूंक किया जाता रहा. हालांकि, इस दौरान अस्पताल में इमरजेंसी के स्टाफ भी महिला की सूई दवाई करते रहे. लेकिन, सदर अस्पताल के बेड पर अपनी ओझाई का चमत्कार दिखा रहे उक्त ढोंगी ओझे को ऐसा करने से किसी ने नहीं रोका और ओझा कुछ देर तक झाड़ने के उपरांत परिजनों से मोटी रकम लेकर रफूचक्कर हो गया.
जहरीले कीट के काटने से महिला की बिगड़ी स्थिति : दरअसल, कलौंज गांव के रहनेवाली सरोज देवी को बुधवार सुबह घर में झाड़ू लगाने के दौरान किसी जहरीले जीव ने काट लिया.
काटने के बाद जब महिला की तबीयत बिगड़ने लगी तो परिजन महिला को लेकर सदर अस्पताल लेकर आये. जहां उक्त ओझा द्वारा अस्पताल के बेड पर ही झांड़-फूंक करने लगा. इस दौरान झाड़ फूंक कर रहे कलौंज गांव के उक्त ओझा से पूछा गया तो उसने बताया कि उनके ओझाई से महिला ठीक भी हो जायेगी और किस जहरीले जीव ने काटा है यह भी पता चल जायेगा.
ओझाई के वक्त अस्पताल में सुबह की ड्यूटी में उपस्थित स्वास्थ्यकर्मी अंधविश्वास की हो रही इस परकाष्ठा को देखते रहने के बावजूद मूकदर्शक बने रहे. उन्होंने भी ना तो महिला के परिजनों को समझाने की कोशिश की और ना ही खुलेआम स्वास्थ्य संस्थान में अंधविश्वास के चल रहे खेल की सूचना ही किसी वरीय अधिकारियों को देने की जहमत उठायी.
सदर अस्पताल में ओझाई की दूसरी घटना, नहीं हो रही कार्रवाई : वैसे सदर अस्पताल में झांड़फूंक की यह पहली घटना नहीं है.
इसके पूर्व भी पिछले वर्ष के चार अक्तूबर को कुछ इसी प्रकार से एक महिला को जले होने पर उसके परिजन झारखंड के पलामू से ओझा बुलवा लाये थे और पलामू से भारी रकम के वादे पर पहुचे फर्जी ओझा ने सदर अस्पताल के बर्न वार्ड में ही अपना कर्म कांड शुरू कर दिया था. इसकी जानकारी अस्पताल प्रबंधन को भी हुई.
लेकिन, कोई कुछ एक्शन लेता, तबतक ओझा जली महिला के परिजनों से मोटी रकम लेकर अस्पताल से निकल गया. दरअसल, भगवानपुर थाने के किनरचोला गांव निवासी विश्वनाथ राम की पत्नी उस वक्त खाना बनाने में जल गयी थी.
उसे गंभीर हालत में इलाज के लिये सदर अस्पताल लाया गया. इलाज के दौरान उसके पति को एहसास हुआ कि उसकी पत्नी के ऊपर किसी ने जादू टोना कर दिया है जिसके चलते वह ठीक नहीं हो रही है. इसपर उसने झारखंड के पलामू थानान्तर्गत गढ़वा के एक परिचित से बात की थी और पत्नी के झाड़फूंक करने के लिये उसने झारखंड गढ़वा निवासी ओझा मोती राम को बुलवा लिया था.
ओझा-गुनी के बजाय डॉक्टरों पर करें भरोसा
सांप या अन्य विषैले जीवों के काटने से अचेत लोग अक्सर ओझा-गुनी के चक्कर में जान गंवा रहे हैं. 21वीं सदी के युग में ऐसी घटनाएं हमारी विकसित सोच पर बट्टा लगा रही हैं. कैमूर में ऐसी घटनाएं अक्सर देखने को मिल रही हैं. लोगों को समझना होगा कि उनकी मर्ज का इलाज किसी ओझा के पास नहीं, बल्कि डॉक्टर के पास मिलेगा. प्रभात खबर अपील करता है कि आपनों की जिंदगी यूं ही जाया न होने दें व अंधविश्वास के दायरे से बाहर निकलें.
क्या कहते हैं अस्पताल अधीक्षक
सदर अस्पताल में इलाज के अलावे बिना रोक टोक के चल रहे झांड़-फूंक के संबंध में अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विनोद कुमार का कहना था कि जानकारी होने पर परिजनों को अंधविश्वास से दूर रहने के अलावे उन्हें डांट फटकार लगाया जाता है. लेकिन, इस दौर में भी ओझा गुनी पर भरोसा करते रहने के चलते अधिकतर मामले सामने नहीं आते.

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