उफान से सैकड़ों एकड़ धान की फसल डूबी
नुआंव/रामगढ़ : पिछले चार दिनों से हो रही लगातार बरसात के कारण कर्मनाशा, दुर्गावती, गोरिया व धर्मवती नदी अपने उफान पर है. एक तरफ जहां नुआंव प्रखंड के चार मुखराव, कोटा, दुमदुमा व चंदेश पंचायतों को जोड़ने वाली मुखराव रामगढ़ पथ पर चंदेश छलके पर कमर तक गोरिया नदी की तेज जल धारा चल रही […]
नुआंव/रामगढ़ : पिछले चार दिनों से हो रही लगातार बरसात के कारण कर्मनाशा, दुर्गावती, गोरिया व धर्मवती नदी अपने उफान पर है. एक तरफ जहां नुआंव प्रखंड के चार मुखराव, कोटा, दुमदुमा व चंदेश पंचायतों को जोड़ने वाली मुखराव रामगढ़ पथ पर चंदेश छलके पर कमर तक गोरिया नदी की तेज जल धारा चल रही है.
उक्त सड़क पर पानी प्रवाहित को लेकर उक्त पंचायतों के ग्रामीण जहां रामगढ़ बाजार का सफर 15 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर नुआंव के रास्ते रामगढ़ बाजार पहुंच रहे थे. वही रविवार की दोपहर नुआंव कोचस पथ पर भटवलिया गांव के समीप भी धर्मावती नदी का उफान बढा व मुख्य सड़क के नदी पुल पर तीन फीट पानी की तेज धारा चलने लगी है.
अब उक्त पंचायत के लोगों को सोनबरसा नदी पुल के रास्ते 20 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर रामगढ़ व नुआव बाजार के सफर करना पड़ रहा है.
कर्मनाशा नदी भी उफान पर: इधर मोहनिया नुआंव पथ पर कर्मनाशा नदी के उफान से चौरसिया राइस मिल के समीप मुख्य सड़क पर पानी चल रहा है. वही पानापुर गांव के पास मुख्य सड़क पर लगभग तीन फीट पानी की तेज धारा सड़क पर चल रही है.
मुख्य सड़क पर दो पहिया व चार पहिया वाहन चालक जान जोखिम में डालकर गुजरने को विवश है. उधर रामगढ़ प्रखंड के आटडीह गांव के किनारे कर्मनाशा नदी का पानी गांव से सटे बनाये गये छोटे छोटे गौशालाओं में प्रवेश किया है. जिसको लेकर पंचायत के मुखिया पप्पू पासी ने सीओ से ग्रामीणों के लिए नाव व राहत सामग्री की मांग की है.
नदियों के आगोश में समा गये फसलों से लहलहाते खेत
गोरिया नदी के उफान से एक तरफ जहां मुख्य सड़क का आवागमन बंद हुआ है वहीं दूसरी तरफ चंदेश पंचायत के दर्जनों किसानों के लगभग 1000 एकड़ धान की फसल नदी के आगोश में समाहित हो गयी हैं. ऐसा ही कहर कुछ धर्मावती ने एवती पंचायत के किसानों के ऊपर भी बरपाया है, नदी के उफान के चलते दर्जनों किसानों के सैकड़ों एकड़ धान की फसल डूब चुकी है. गांव की सड़कों गलियों में बरसात का पानी भरा हुआ है.
तेज बरसात से गिरे पांच लोगों के आशियाने, हो रही दिक्कत
नुआंव/रामगढ़.चार दिनों से हो रही लगातार तेज बरसात के कारण चंदेश गांव में जहां तीन लोगों के मकान धराशाही हो गये. वही एवती गांव में भी दो लोगों के मकान बरसात से धराशाही हो गये. चंदेश गांव के ईश्वर दयाल राम, सुखराज राम व जवाहिर राम है.
वहीं एवती गांव के रामाधार यादव का पक्का मकान जबकि रामेश्वर जायसवाल का कच्चा मकान धराशायी हो गया है. वही पजराव गांव के उत्तर लगभग 40 घरों की मल्लाह बस्ती भी जलधारा से डूबी हुई है. उक्त बस्ती के लोग घरों के सामान नाव पर रखकर ऊंचे स्थान पर रवानगी कर रहे है.
डूबे हुए घरों में खरपत्तू चौधरी, रामकिशुन, तुलसी, वंशरोपन, सुरेमन, जमुना, व झेंगठ चौधरी ने बताया कि सारे आशियाना डूब चुके हैं पर इसे देखने के लिए अब तक प्रशासन के कोई लोग नहीं आये. कुछ वर्षों पूर्व भी बाढ़ से हुई तबाही के दौरान प्रशासनिक लोगों ने गांव के कुछ नाविकों द्वारा नाव चलवाया था. लोगों को राहत दिलायी थी. जबकि नाविकों के पारिश्रमिक किये गये रुपये आज भी प्रशासन द्वारा नहीं दिये गये.
नदियों में आये उफान का अफसरों ने लिया जायजा
रामगढ़. रविवार की देर शाम एसडीएम शिव कुमार राऊत, बीडीओ प्रदीप कुमार, सीओ हेमेंद्र कुमार ने चार दिनों से हो रही बरसात के बाद नदियों में आयी उफान व इससे सटे हुए गांवों का जायजा लिया. जांच के क्रम में एसडीएम बड़ौरा पंचायत के आटडीह गांव पहुंच उन्होंने ग्रामीणों से नदी के बढ़ते जलस्तर के बारे में जानकारी हासिल की व सीओ हेमेंद्र कुमार को कई आवश्यक निर्देश दिये.