राजेंद्र सरोवर के पास पार्क में बद्री प्रसाद आर्य का फोटो और बोर्ड लगाने पर मचा घमसान
भभुआ कार्यालय : पिछले कई दिनों से राजेंद्र सरोवर के पास नवनिर्मित पार्क का स्वतंत्रता सेनानी स्व. बद्री प्रसाद आर्य के नाम से नामकरण एवं फोटो लगाये जाने को लेकर अंदर ही अंदर गरमायी राजनीति बुधवार को सतह पर आ गयी. बुधवार की दोपहर नगर पर्षद द्वारा स्व. बद्री प्रसाद आर्य का बनवाया गया बोर्ड […]
भभुआ कार्यालय : पिछले कई दिनों से राजेंद्र सरोवर के पास नवनिर्मित पार्क का स्वतंत्रता सेनानी स्व. बद्री प्रसाद आर्य के नाम से नामकरण एवं फोटो लगाये जाने को लेकर अंदर ही अंदर गरमायी राजनीति बुधवार को सतह पर आ गयी. बुधवार की दोपहर नगर पर्षद द्वारा स्व. बद्री प्रसाद आर्य का बनवाया गया बोर्ड एवं उनके फोटोवाला फलैक्स ले जाकर राजेंद्र सरोवर के पास पार्क में लगा दिया गया.
जिसके बाद से ही अंदर ही अंदर पार्क के नामकरण को लेकर चल रहा द्वंद्ध सामने आ गया. शाम होते होते नगर पर्षद अध्यक्ष के प्रतिनिधि बबलू तिवारी ने पार्क में बोर्ड व फोटो लगाये जाने को गलत बताते हुए कहा कि उक्त बोर्ड नगर पर्षद के अध्यक्ष बगैर परमिशन लिये अवैध तरीके से लगाया गया है. जोकि पूरी तरह से गलत है. मौजूदा नगर पर्षद अध्यक्ष को बगैर जानकारी दिये उक्त बोर्ड व फोटो को लगाकर अध्यक्ष को उपेक्षित करने का काम किया गया है.
इधर, नगर पर्षद के पूर्व अध्यक्ष जैनेंद्र कुमार आर्य उर्फ जॉनी ने बताया कि उक्त नवनिर्मित पार्क का स्वतंत्रता सेनानी स्व. बद्री प्रसाद आर्य के नाम से नामकरण एवं प्रतिमा लगाने का निर्णय पूर्व में नगर पर्षद के बोर्ड व सशक्त समिति द्वारा किया गया था और इसके लिए नगर पर्षद के द्वारा बोर्ड भी बनवाया गया था. उसी बोर्ड को लगाया गया है.
स्व. ब्रदी प्रसाद आर्य एक स्वतंत्रता सेनानी रहे हैं. वे देश के आजादी से लेकर जेपी आंदोलन में जेल गये और यहां तक की उन्होंने स्वतंत्रता सेनानियों को मिलनेवाला पेंशन भी नहीं लिया. ऐसे में उनकी प्रतिमा लगाया जाना स्वतंत्रता सेनानी के प्रति सम्मान के तौर पर देखा जाना चाहिए. स्वतंत्रता सेनानी स्व. बद्री प्रसाद आर्य नप के पूर्व अध्यक्ष जैनेंद्र कुमार आर्य के दादाजी भी थे.
बुधवार की शाम को उक्त पार्क में बोर्ड और फोटो लगाये जाने को लेकर सैकड़ों की संख्या में लोग वहां इकट्ठा हो गये. कुछ लोगों का कहना था कि स्व. बद्री प्रसाद आर्य एक स्वतंत्रता सेनानी थे. उनकी प्रतिमा व बोर्ड को लगाया जाना चाहिए. वहीं मौजूद नगर पर्षद अध्यक्ष उर्मिला देवी के समर्थकों का कहना था कि फोटो और बोर्ड किसी का भी लगे.
लेकिन, बगैर परमिशन के उक्त बोर्ड को लगाया जाना पूरी तरह से गलत है और जिन लोगों ने भी यह कार्य किया है, गलत किया गया है. मुझे जानकारी देकर अगर नामकरण एवं बोर्ड लगाया जाता तो कोई आपत्ति नहीं थी. हालांकि, देर शाम तक मामले के समाधान के लिए फिर से पार्क का उदघाटन नप अध्यक्ष से कराने की बात पर सहमति बनाने की कोशिश जारी थी.