आकाश दिल से कर रहे असहायों की मदद
भभुआ : जरूरतमंदों के लिए कोई कैसे मसीहा बन जाता है, इसका उदाहरण गांव अखलासपुर प्रखंड भभुआ के रहने वाले तारकेश्वर तिवारी के पुत्र आकाश तिवारी भी हैं. इसे मुलाकात प्रभात खबर की टीम से 23 दिसंबर की रात शहर में जलाये जा रहे अलावों की स्थिति के निरीक्षण में बस स्टैंड बेलवतिया पर एक […]
भभुआ : जरूरतमंदों के लिए कोई कैसे मसीहा बन जाता है, इसका उदाहरण गांव अखलासपुर प्रखंड भभुआ के रहने वाले तारकेश्वर तिवारी के पुत्र आकाश तिवारी भी हैं. इसे मुलाकात प्रभात खबर की टीम से 23 दिसंबर की रात शहर में जलाये जा रहे अलावों की स्थिति के निरीक्षण में बस स्टैंड बेलवतिया पर एक गरीब को खाना देते और कंबल बांटने के दौरान हुई थी.
आकाश का कहना है कि चार माह पहले वे बनारस से अपने वाहन से भभुआ रात 11 बजे के आसपास पहुंचे, तो शहर के एकता चौक पथ के फुटपाथ पर एक वृद्ध सिकुड़ कर बैठे थे. उन्हें लगा कि शायद ये बीमार हैं. लेकिन, पास जाकर पूछने पर उस असहाय ने बताया कि वह बीमार नहीं है.
उसे आज दिन भर भोजन नहीं मिला है. बहुत भूख लगी है. आकाश ने बताया कि मुझे लगा कि ऐसे लोगों को मदद की जरूरत है. मैंने उस खाना उपलब्ध कराया और उस दिन के बाद प्रतिदिन रात में जो भी इस तरह के लोग दिखाई देते हैं, उन्हें खाने का पैकेट मैं जरूर देता हूं.
बहरहाल शुक्रवार की रात भी आकाश ने आठ असहाय और गरीब लोगों को भोजन उपलब्ध कराया. यह सिलसिला पिछले चार महीनों से प्रतिदिन रात में मुख्यालय के फुटपाथों से लेकर बस स्टैंडों और यात्री शेडों पर आकाश द्वारा चलाया जा रहा है. भभुआ अखलासपुर पथ पर किसान खाद भंडार चलाने वाले आकाश तिवारी का कहना है कि ऐसे लोगों के खाने की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं की जाती है.
रात में जो घर में हमलोगों के खाने के लिए बनता है, वहीं भोजन का पैकेट असहाय लोगों के लिए भी तैयार किया जाता है. प्रतिदिन 10 से 12 पैकेट भोजन जरूरत मंद लोगों को उपलब्ध कराया जाता है. जिस दिन मैं नहीं रहता, उस दिन मेरे भाई राहुल और जय खाना का पैकेट बांटने का काम करते हैं.