अधिकतर चापाकलों से निकल रहा दूषित पानी !

पीएचइडी नहीं दे रहा ध्यान मोहनिया(सदर). मोहनिया नगर पंचायत में लगे कई निजी व सरकारी चापाकलों से दूषित पानी निकल रहा है. यही नहीं जल मिनार से सप्लायी होने वाला पानी भी गंदा व दुर्गंध युक्त है. इसका खुलासा तब हुआ, जब अनुमंडलीय अस्पताल, मोहनिया के आयुष डॉक्टर रवि शंकर शर्मा ने अपने आवास पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 19, 2014 8:02 PM

पीएचइडी नहीं दे रहा ध्यान मोहनिया(सदर). मोहनिया नगर पंचायत में लगे कई निजी व सरकारी चापाकलों से दूषित पानी निकल रहा है. यही नहीं जल मिनार से सप्लायी होने वाला पानी भी गंदा व दुर्गंध युक्त है. इसका खुलासा तब हुआ, जब अनुमंडलीय अस्पताल, मोहनिया के आयुष डॉक्टर रवि शंकर शर्मा ने अपने आवास पर लगे चापाकल से निकलने वाले पानी की जांच करवायी. इसमें क्लोराइड व कैल्सियम की मात्रा इतनी अधिक पायी गयी कि पानी से भरी बाल्टी यदि रात भर रख दी जाती, तो बाल्टी के चारों तरफ व पानी के ऊपर इसकी परत जम जाती. यहां पानी में ठंडी के दिनों में टीडीएस की मात्रा 900 व गरमी में 1250 पायी गयी थी, जो जीवन के लिए खतरे का संकेत है. डॉ शर्मा ने बताया कि ऐसा दूषित पानी पीने से पाचन तंत्र संबंधी कई रोग हो सकते हैं. शर्मा ने कहा कि एनएच-दो के उत्तरी व पूर्वी भाग के चापाकलों से निकलने वाले पानी में टीडीएस की मात्रा 250 से 300 है, जबकि पीने के पानी में टीडीएस की मात्रा 30 से 100 के बीच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस पानी में अर्सेनिक की मात्रा से भी इनकार नहीं किया जा सकता.

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