लालटेन की रोशनी में कट रही रात
भभुआ (ग्रामीण) : कैमूर जिले के 629 गांवों में आज तक बिजली नहीं पहुंची है. आधुनिक जमाने में भी लोगों की रात लालटेन की रोशनी में कट रही है. प्रभात खबर की टीम ने कुछ गांवों में जाकर जायजा लिया. सरकार प्रत्येक गांव को 24 घंटे बिजली देने, इंटरनेट से जोड़ने की बात कर रही. […]
भभुआ (ग्रामीण) : कैमूर जिले के 629 गांवों में आज तक बिजली नहीं पहुंची है. आधुनिक जमाने में भी लोगों की रात लालटेन की रोशनी में कट रही है. प्रभात खबर की टीम ने कुछ गांवों में जाकर जायजा लिया.
सरकार प्रत्येक गांव को 24 घंटे बिजली देने, इंटरनेट से जोड़ने की बात कर रही. वैसे में जिले के 629 गांवों में बुनियादी जरूरतों के तौर पर देखा जाये बिजली नहीं रहने के कारण आधुनिक सुविधाओं का अभाव है. लोग आज भी रेडियो से ही चिपके रहते हैं. इसके अलावा उनके पास और कोई भी सूचना तंत्र नहीं है.
लाइफ लाइन बन चुका मोबाइल कुछ लोगों के पास ही उपलब्ध है. कुछ संपन्न लोगों के पास मोबाइल है भी तो वे ट्रैक्टर की बैटरी या दूसरे गांव में जाकर मोबाइल चार्ज करते हैं. बिजली नहीं रहने के कारण मोबाइल चार्ज करने की समस्या है. बिजली नहीं रहने पर बच्चों की पढ़ाई व गांवों का विकास तक बाधित है. हर चुनाव में गांवों तक बिजली पहुंचाने का वादा किया जाता है. लेकिन बिजली सिर्फ चुनावी मुद्दा बन कर रह जाती है.