राष्ट्रध्वज को सलामी नहीं देने का मामला पहुंचा न्यायालय

जिलाधिकारी, प्रभारी सामान्य शाखा, बीइओ व थानाध्यक्ष पर परिवाद दायर भभुआ (कोर्ट). मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ओपी सिंह की अदालत में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भगवानपुर प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी केसरी सुधीर सिंह पर राष्ट्रध्वज को सलामी नहीं देने का धारा 2 राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 एवं 12 बी, 34 भादवि के तहत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2015 8:03 PM

जिलाधिकारी, प्रभारी सामान्य शाखा, बीइओ व थानाध्यक्ष पर परिवाद दायर भभुआ (कोर्ट). मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ओपी सिंह की अदालत में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भगवानपुर प्रखंड के शिक्षा पदाधिकारी केसरी सुधीर सिंह पर राष्ट्रध्वज को सलामी नहीं देने का धारा 2 राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम 1971 एवं 12 बी, 34 भादवि के तहत आरोप लगाते हुए परिवाद दायर किया गया. परिवाद संख्या 181/15 में प्रार्थी रितेश कुमार वार्ड 23 ने कहा है कि 17 अगस्त 2014 को समाचार पत्र से मिली जानकारी के आलोक में 19 अगस्त 14 को तत्कालीन थानाध्यक्ष सुदामा सिंह को आवेदन दिया, जिसे स्वीकार नहीं किया गया. पुन: 21 अगस्त 14 को डाक द्वारा थानाध्यक्ष एवं प्रभारी सामान्य शाखा शाहनवाज अहमद नियाजी एवं जिलाधिकारी प्रभाकर झा को उसकी प्रतिलिपि समर्पित किया तथा स्वयं व्यक्तिगत रूप से मिलने पर डांट कर भगा दिया गया. तब सूचना के अधिकार के तहत सूचना की मांग की गयी, जिसमें घालमेल कर प्रतिवेदन दिया गया. प्रतिवेदन प्राप्ति के बाद प्राथमिकी के लिए प्रार्थी दौड़ लगाता रहा पर कोई सुनवाई या कार्रवाई नहीं की गयी. जबकि, झंडोत्तोलन के समय तत्कालीन थानाध्यक्ष घटनास्थल पर उपस्थित रहे तथा प्रभारी सामान्य शाखा एवं जिलाधिकारी को घटना की जानकारी होने पर भी बीइओ पर कोई कार्रवाई या स्पष्टीकरण नहीं मांगी गयी, जिससे उक्त धारा के अंतर्गत राष्ट्रीय गौरव के अपमान का आरोप बनता है.

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