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पीसीसी सड़क भी नसीब नहीं
मेहरमा : मेहरमा प्रखंड के मेहरमा पंचायत का अब तक समुचित विकास नहीं हुआ है. पंचायत की अधिकांश सड़कें जर्जर अवस्था में है. इस कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई गांवों में तो अभी भी कच्ची सड़क से ग्रामीण आवागमन को विवश हैं. वहीं पंचायत के गांवों में नाली का […]
मेहरमा : मेहरमा प्रखंड के मेहरमा पंचायत का अब तक समुचित विकास नहीं हुआ है. पंचायत की अधिकांश सड़कें जर्जर अवस्था में है. इस कारण ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई गांवों में तो अभी भी कच्ची सड़क से ग्रामीण आवागमन को विवश हैं. वहीं पंचायत के गांवों में नाली का निर्माण भी नहीं कराया गया है.
इस कारण घरों से निकलने वाला गंदा पानी सड़क पर ही बहता है. जिसकी वजह से सड़क पर सालों भर कीचड़ जमा रहता है. वहीं पंचायत में पेयजल की भी घोर समस्या है. ग्रामीणों को कई किलोमीटर की दूरी तय कर पानी लाना पड़ता है. गरमी के मौसम में ग्रामीणों की परेशानी और भी ज्यादा बढ़ जाती है. पंचायत के अधिकांश ग्रामीण सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के लाभ से वंचित है. कई ग्रामीणों को अब तक इंदिरा आवास का लाभ नहीं मिल पाया है. पंचायत में शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाएं भी बदहाल है.
ग्रामीणों को आज भी इलाज कराने के लिए पंचायत के बाहर जाना पड़ता है. ग्रामीणों को अपने बच्चों की भविष्य की चिंता भी सताती है. क्योंकि पंचायत के अधिकांश विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था लचर है. कहीं शिक्षक तो हैं. लेकिन प्रत्येक दिन नहीं आते. वहीं कई विद्यालय शिक्षक विहीन हैं. मेहरमा पंचायत की कुल आबादी करीब छह हजार है. जिसमें महिला वोटर 2113 पुरुष वोटर 2748 हैं. पंचायत अंतर्गत पांच गांव आते हैं. जिनमें मेहरमा, बनौधा, पहाड़खंड, हुलकपुर व तेलियाडीह हैं. गत चुनाव में अमीन मुमरू ने मिथुन हांसदा को 148 वोट से पराजित कर मुखिया बने थे.
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