कलश स्थापन से मां की आराधना शुरू

भभुआ(सदर)/भगवानपुर : शक्ति की आराधना के महापर्व चैत नवरात्र शनिवार से शुरू हो गया. चैत नवरात्र को लेकर शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों में आकर्षक साज सज्जा व तैयारियां की गयी है. जिला मुख्यालय से सटे पवरा पहाड़ी पर स्थित अति प्राचीन मां मुंडेश्वरी के मंदिर में भी चैत नवरात्र को लेकर विशेष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2015 9:11 AM
भभुआ(सदर)/भगवानपुर : शक्ति की आराधना के महापर्व चैत नवरात्र शनिवार से शुरू हो गया. चैत नवरात्र को लेकर शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के मंदिरों में आकर्षक साज सज्जा व तैयारियां की गयी है. जिला मुख्यालय से सटे पवरा पहाड़ी पर स्थित अति प्राचीन मां मुंडेश्वरी के मंदिर में भी चैत नवरात्र को लेकर विशेष तैयारियां की गयी है. जहां अगले आठ दिनों तक विशेष आस्था का केंद्र बना रहेगा. यहां नवरात्र पर लाखों श्रद्धालु जुट कर मां का नमन करेंगे.
श्रद्धालुओं ने किया कलश स्थापन : चैत नवरात्र के प्रथम दिन माता शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है. आज प्रात: काल से ही श्रद्धालुओं की नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापित कर मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री का विशेष अभिषेक व श्रृंगार कर पूजा-अर्चना की गयी. मां दुर्गा के नौ रूपों में पहला रूप है शैलपुत्री का. नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना के साथ देवी के इसी रूप की पूजा की जाती है.
घरों में भी मां की आराधना में श्रद्धालु लीन : नवरात्र के प्रथम दिन शहर स्थित अनेक स्थानों व मंदिरों में मां के जयकारा सुबह से ही गूंजते रहे. श्रद्धालु खास कर महिलाएं सुबह से ही मां के दर्शन के लिए कतार में लग गये थे. शहर की देवी जी मंदिर, सुवरन नदी स्थित काली मंदिर सहित अन्य स्थानों पर नवरात्र को लेकर विशेष पूजा की तैयारी की गयी है. शहर के कई घरों में कलश स्थापना कर मां की आराधना में लोग लीन हैं.
देवी मंदिर में भौंरों ने मचाया उत्पात : नवरात्र के पहले दिन जब श्रद्धालु महिला व पुरुष शहर स्थित देवी मंदिर में पूजा करने गये तो एकाएक भौरों ने हमला कर दिया. प्रात: समय में हुए इस अचानक घटना से मंदिर में खचाखच भरी भीड़ में भगदड़ मच गयी. लोग भौंरों से बचने के लिए इधर उधर भागने लगे. कुछ महिलाएं भौरों के इस हमले से घायल भी हो गयीं. मौके पर मौजूद पुलिस अवर निरीक्षक श्याम कुमार व अन्य पुलिस बलों द्वारा काफी मशक्कत के बाद दर्शन करने देवी मंदिर आये श्रद्धालुओं को भौरों से छुटकारा मिला.

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