बार-बार शट डाउन से लोग परेशान

भभुआ (कार्यालय): भभुआ को जरूरत के बराबर यानी 24 घंटे ऊपर से बिजली मिलने के बाद भी बिजली विभाग द्वारा हर दो घंटे पर बिजली काटी जा रही है. इससे लोग परेशान हैं. भभुआ शहर को 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए 10 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है. वहीं जिले में 65 मेगावाट बिजली की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 7, 2015 9:45 AM
भभुआ (कार्यालय): भभुआ को जरूरत के बराबर यानी 24 घंटे ऊपर से बिजली मिलने के बाद भी बिजली विभाग द्वारा हर दो घंटे पर बिजली काटी जा रही है. इससे लोग परेशान हैं. भभुआ शहर को 24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए 10 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है. वहीं जिले में 65 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है. जबकि ऊपर से शहर 10 से 12 मेगावाट और जिले के लिये 70 से 75 मेगावाट बिजली मिल रही है. इसके बावजूद भभुआ में हर घंटे दो घंटे पर बिजली की कटौती की जा रही है. साथ ही कई इलाकों में लो-वोल्टेज की भी समस्या बनी हुई है.
बार-बार शट डाउन का क्या है कारण : बिजली विभाग के सहायक अभियंता आशीष कुमार झा ने बताया कि बार-बार फ्यूज उड़ने के कारण मरम्मती के लिए शटडाउन लेना पड़ता है. ट्रांसफॉर्मर पर ओवरलोड दिये जाने के कारण बार-बार फ्यूज उड़ने की शिकायत मिलती है. उपभोक्ता जितना बिजली खपत करते हैं, उतनी बिजली विभाग को जानकारी नहीं देते हैं. चोरी से ज्यादा बिजली खपत करते हैं. इसके कारण ट्रांसफॉर्मर पर लोड बढ़ता है और उसके कारण अक्सर ट्रांसफॉर्मर का फ्यूज उड़ जाता है. इस वजह से शटडाउन लेना पड़ता है.
दो फीडरों में बंटा शहर : शहर में बिजली आपूर्ति के लिए दो फीडर हैं. फीडर नंबर एक से एकता चौक,पूरब मुहल्ला, समाहरणालय, वेलवतिया, छावनी मुहल्ला, अस्पताल, थाना, जय प्रकाश चौक के इलाके को सप्लाइ दी जाती है, तो फीडर नंबर दो से पटेल चौक,रामपुर कॉलोनी,प्रोफेसर कॉलोनी व टेलीफोन एक्सचेंज तक आपूर्ति की जाती है. शहरवासियों की शिकायत है कि फीडर नंबर दो में निर्वाध रूप से विद्युत आपूर्ति होती है, जबकि फीडर नंबर एक में अक्सर बिजली की कटौती की जाती है.
फीडर नंबर एक पर ज्यादा लोड
सहायक अभियंता आशीष कुमार झा ने बताया कि फीडर नंबर एक पर शहर का 90 प्रतिशत लोड है,जबकि फीडर नंबर दो पर 10 प्रतिशत लोड है. फीडर नंबर एक पर लोड ज्यादा होने के कारण अक्सर फ्यूज उड़ने की शिकायत के कारण शट डाउन लिया जाता है.
क्या है निदान
सहायक अभियंता बताते है कि जब लोग ईमानदारी पूर्वक विभाग को बिजली खपत की जानकारी देंगे. उसके अनुसार ट्रांसफॉर्मर लगाये जायेंगे, तो फ्यूज उड़ने की शिकायत कम होगी और निर्वाध रूप से विद्युत आपूर्ति संभव होगी. हालांकि इसके लिए छापेमारी की जा रही है.

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