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हवा-हवाई हुई बस पड़ाव की योजना

भभुआ (कार्यालय) : भभुआ शहर को जाम से निजात दिलाने एवं ट्रैफिक के बोझ को कम करने के लिए दो वर्षों पूर्व शहर के चारों तरफ बस पड़ाव बनाने की योजना नगर पर्षद एवं जिला प्रशासन द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दी गयी है. दो साल पूर्व चैनपुर चांद जानेवाली वाहनों को पटेल चौक पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 26, 2015 7:26 AM
भभुआ (कार्यालय) : भभुआ शहर को जाम से निजात दिलाने एवं ट्रैफिक के बोझ को कम करने के लिए दो वर्षों पूर्व शहर के चारों तरफ बस पड़ाव बनाने की योजना नगर पर्षद एवं जिला प्रशासन द्वारा ठंडे बस्ते में डाल दी गयी है. दो साल पूर्व चैनपुर चांद जानेवाली वाहनों को पटेल चौक पर अस्थायी बस व छोटै वाहनों के पड़ाव एवं रणविजय चौक पर भी भगवानपुर जानेवाले वाहनों का पड़ाव था, जिसके कारण अक्सर दोनों चौक पर जाम लगा रहता था.
इसे देखते हुए तत्कालीन डीएम अरविंद कुमार सिंह व नगर पर्षद ने पटेल चौक से छोटे वाहनों का पड़ाव हटा कर अस्थायी तौर पर बिजली कॉलोनी के पास बना दिया. वहीं, रणविजय चौक पर सड़क को चौड़ा कर भगवानपुर जानेवाले वाहनों का ठहराव बनाया. लेकिन, स्थायी तौर पर इन दोनों जगह के वाहनों के लिए शहर से बाहर बस पड़ाव बनाने की योजना थी. चैनपुर तरफ के सवारी वाहनों के लिए शहर से बाहर सुअरा नदी के निकट अतिपिछड़ा वर्ग के छात्रावास के पास जगह भी चिह्नित की गयी थी. वहीं, रणविजय चौक पर लगनेवाले भगवानपुर के तरफ के सवारी वाहनों के लिए सीवों पशु मेला के पास बस पड़ाव बनाने की योजना थी.
शहर के बाहर दो तरफ पहले से है बस पड़ाव : भभुआ शहर के दो तरफ उत्तर की ओर भभुआ मोहनिया रोड पर अखलासपुर के पास पहले से बस पड़ाव स्थित है. वहीं, पूरब तरफ भभुआ कुदरा मार्ग पर पूरब पोखरा के पास सोनहन बस पड़ाव है. ऐसे में दो तरफ यानी पश्चिम तरफ चैनपुर रोड व दक्षिण तरफ भगवानपुर रोड पर बस पड़ाव नहीं रहने के कारण सवारी वाहन सड़क पर ही वाहन लगाते हैं, जिसके कारण हमेशा बिजली कॉलोनी एवं रणविजय चौक पर जाम लगा रहता है. इससे आमजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
शहरवासियों को मिलता राहत : चैनपुर रोड पर एवं भगवानपुर रोड पर सुअरा नदी एवं सीवों मेला के पास बस पड़ाव बनाये जाने से शहर को जहां जाम से निजात मिलता, वहीं दर-दर की ठोकर खा रहे सवारी वाहन चालकों को भी राहत मिलती.
योजना पड़ी खटाई में : दो वर्ष पूर्व योजना आज ठंडे बस्ते में डाल दी गयी है. नगर को सुव्यवस्थित करने की जिम्मेवारी लेनेवाली नगर पर्षद का इस पर कोई ध्यान नहीं है. वहीं, जिला प्रशासन भी इसमें रुचि नहीं दिखा रहा है. जबकि, समय के साथ साथ शहर पर ट्रैफिक का दबाव बढ़ता जा रहा है.

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