लकड़बग्घे की तलाश में पटना से गयी स्पेशल टीम

मंगलवार को अधौरा के सारोदाग गांव में लकड़बग्घे ने बच्चे को बनाया था शिकार भभुआ/अधौरा : अधौरा प्रखंड में आदमखोर लकड़बग्घे की तलाश में बुधवार को पटना स्थित संजय गांधी जैविक उद्यान से पांच सदस्यीय टीम कैमूर पहुंची. डीएफओ सत्यजीत सिंह ने बताया कि संजय गांधी जैविक उद्यान के वेटनरी पदाधिकारी समरेंद्र बहादुर सिंह के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 17, 2015 7:44 AM
मंगलवार को अधौरा के सारोदाग गांव में लकड़बग्घे ने बच्चे को बनाया था शिकार
भभुआ/अधौरा : अधौरा प्रखंड में आदमखोर लकड़बग्घे की तलाश में बुधवार को पटना स्थित संजय गांधी जैविक उद्यान से पांच सदस्यीय टीम कैमूर पहुंची. डीएफओ सत्यजीत सिंह ने बताया कि संजय गांधी जैविक उद्यान के वेटनरी पदाधिकारी समरेंद्र बहादुर सिंह के नेतृत्व में कैमूर पहुंची स्पेशल टीम को लकड़बग्घे को पकड़ने के लिए तत्काल अधौरा के सारोदाग गांव के लिए रवाना कर दिया गया. लकड़बग्घे को काबू में करने के लिए स्पेशल टीम अपने साथ गन व लोहे का जाल भी ले आयी है.
अधौरा के सारोदाग गांव गयी स्पेशल टीम के साथ कैमूर डीएफओ सत्यजीत सिंह व रेंजर शशिभूषण प्रसाद भी लकड़बग्घे की तलाश में गये हुए हैं.
गौरतलब है कि मंगलवार को सारोदाग गांव में खेल रहे बच्चे के झुंड पर लकड़बग्घे ने हमला कर दिया था, जिसमें एक बच्चे को लकड़बग्घे ने दबोचते हुए उसे गांव के कुछ दूरी पर ले जा कर मार डाला था. घटना के बाद ग्रामीण इलाकों में लकड़बग्घे की दहशत है. वन विभाग की टीम के साथ लकड़बग्घे की तलाश में जुट गयी थी परंतु, लकड़बग्घा पकड़ में नहीं आया था.
आसपास के इलाके में तैनात होंगे सुरक्षाबल : डीएफओ सहित पटना से आयी उक्त टीम ने बुधवार की दोपहर सारोदाग पहुंच कर वहां के ग्रामीणों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने ने सजगता बरतने सहित एक बार फिर लकड़बग्घे के आने पर क्या करे? इसकी जानकारी दी.
लकड़बग्घे का शिकार बने सारोदाग गांव से पश्चिम स्थित गड़के गांव के चंदन कोरबा के परिजनों को वन विभाग की टीम द्वारा 10 हजार नकद दिया गया. साथ ही पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की भी बात कही गयी.
कैमूर के जंगलों में नहीं है बाघ
ग्रामीणों द्वारा बाघ के हमले की जानकारी पर डीएफओ सत्यजीत सिंह ने बताया कि कैमूर के जंगलों में अब तक बाघ मिलने की सूचना नहीं ँप्राप्त हुई है. वन विभाग ने भी अपने सर्वेक्षण में इसका जिक्र है.
उन्होंने बताया कि झारखंड के कुछ ले का बाघ नौहट्टा के रास्ते कैमूर में पिछले वर्ष 23 दिसंबर को रामपुर के मरिआंव गांव में देखा गया था. इसके अलावा फिलहाल कैमूर में बाघ पाये जाने की कोई जानकारी अब तक वन विभाग को नहीं मिली है.
आदमखोर लकड़बग्घे से सतर्क रहने के लिए वन विभाग द्वारा अधौरा के सारोदाग चफना, करवनिया, सोढ़ा सहित आसपास के गांवों में ध्वनि विस्तारक यंत्र द्वारा प्रचार प्रसार कराया जा रहा है. इधर, ग्रामीण भी पारंपरिक हथियारों से लैस हो कर लकड़बग्घे की तलाश में जुटे हुए हैं.
खबर लिखें जाने तक लकड़बग्घे की तलाश जारी थी. लकड़बग्घे की तलाश में जुटे ग्रामीण हनुमान पासवान, सोनू कुमार व शमशेर सिंह आदि का कहना था कि वन विभाग की टीम जब तक लकड़बग्घे को नहीं पकड़ती, तब तक दहशत कायम रहेगा. वन विभाग की स्पेशल टीम के साथ अधिकारी लकड़बग्घे की तलाश में जुटे हुए थे.

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