भभुआ से मोहनिया केे 30, तो भगवानपुर के 25 रुपये

भभुआ से मोहनिया केे 30, तो भगवानपुर के 25 रुपयेफ्लैग…… महंगा सफर. चुनाव में वहनों की कमी से यात्रियों के फजीहत, वसूली जा रही मनमानी कीमतमजबूरी में अधिक भाड़ा देकर लोग कर रहे यात्राप्रतिनिधि, भभुआ (सदर) विधानसभा चुनाव को लेकर लोगों में एक तरफ जहां उत्साह और उमंग है, वहीं लोगों को एक से दूसरे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2015 6:58 PM

भभुआ से मोहनिया केे 30, तो भगवानपुर के 25 रुपयेफ्लैग…… महंगा सफर. चुनाव में वहनों की कमी से यात्रियों के फजीहत, वसूली जा रही मनमानी कीमतमजबूरी में अधिक भाड़ा देकर लोग कर रहे यात्राप्रतिनिधि, भभुआ (सदर) विधानसभा चुनाव को लेकर लोगों में एक तरफ जहां उत्साह और उमंग है, वहीं लोगों को एक से दूसरे जगह जाने के लिए महंगा किराया देना पड़ रहा है. चुनाव में वाहनों की धर-पकड़ से सफर करनेवाले यात्रियों की काफी फजीहत हो रही है. चुनाव के मद्देनजर भभुआ से मोहनिया के किसी भी रूट में एक तो वाहन नहीं मिल रहे, अगर वाहन मिल भी रहे हैं तो चालक मनमानी कीमत वसूल रहे हैं. वाहनों के पकड़े जाने से इन दिनों शहर में इ-रिक्शा और ऑटोवालों की चांदी कट रही है. ये यात्रियों से भाड़े के रूप में दोगुने से ज्यादा रुपये की ऊगाही कर रहे हैं. शहर के प्रत्येक रूट पर इन ऐसे ही हालात हैं. लोग मजबूरी में या जरूरत पर मनमाना व दोगुना भाड़ा देकर यात्रा करने को मजबूर हैं. गुरुवार को शाम चार बजे प्रभात खबर प्रतिनिधि भगवानपुर जानेवाली रूट वन विभाग के पास पहुंचे, तो वहां ग्रामीण इलाके को जानेवाले यात्रियों की काफी भीड़ लगी हुई थी. यात्री वहां खड़ी इ-रिक्शा व ऑटो चालकों से गंतव्य तक जाने की गुहार लगा रहे थे. लेकिन, ऑटो व ई-रिक्शा के चालक पहले भाड़ा तय कर लेने की बात कर रहे थे. चालकों का यात्रियों से कहना था कि भगवानपुर का भाड़ा 25 रुपया लगेगा. अगर देना है, तो गाड़ी में बैठिए नहीं तो पैदल ही चले जाइए. भगवानपुर जाने के लिए खड़ी एक 60 वर्षीय वृद्धा सावित्री देवी काफी अनुनय विनय किया तो एक ऑटोचालक ने 20 रुपये में उन्हें पहुंचाने की बात कही, जबकि भगवानपुर का भाड़ा 10 रुपया है. मजबूरी में वृद्धा ने बाजार से बचा कर रखे हुए 20 रुपये ड्राइवर के हाथ में थमाया और ऑटो में बैठीं. हर रोड की यही स्थिति है. वाहनों के बंद हो जाने से छोटे वाहन के चालक मनमानी पर उतर आये हैं. वाहन के इंतजार में बैठे ओरगााई के शिव कुमार व मंटू पांडेय का कहना था कि प्रशासन केवल चुनाव कराने में व्यस्त है. लोगों को प्रतिदिन होनेवाली इस परेशानी से उन्हें कोई मतलब नहीं है. वोट देने के लिए गांव जाना है. लेकिन, कोई भी वाहन चालक 25 रुपये से कम लेने को तैयार नहीं. वहीं मोहनिया के लिए 30 रुपये की मांग कर रहे हैं. फोटो.. 8. वाहन का इंतजार करते यात्री

Next Article

Exit mobile version