आज दावं पर होगी कई उम्मीदवारों की प्रतष्ठिा
आज दावं पर होगी कई उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा चार विधानसभा सीटों पर सियासी किस्मत आजमा रहे उम्मीदवारों की परीक्षा शुरू प्रतिनिधि, भभुआआखिरकार परीक्षा का दिन आ ही गया. शुक्रवार यानी 16 अक्तूबर की सुबह सात बजे से कैमूर की चार विधानसभा सीटों पर सियासी किस्मत आजमा रहे उम्मीदवारों की परीक्षा शुरू हो जायेगी. वोटिंग की […]
आज दावं पर होगी कई उम्मीदवारों की प्रतिष्ठा चार विधानसभा सीटों पर सियासी किस्मत आजमा रहे उम्मीदवारों की परीक्षा शुरू प्रतिनिधि, भभुआआखिरकार परीक्षा का दिन आ ही गया. शुक्रवार यानी 16 अक्तूबर की सुबह सात बजे से कैमूर की चार विधानसभा सीटों पर सियासी किस्मत आजमा रहे उम्मीदवारों की परीक्षा शुरू हो जायेगी. वोटिंग की शुरुआत के साथ ही. इसी के साथ जिले के कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दावं पर लग जायेगी. लोगों के लिए यह जानना दिलचस्प होगा कि यहां की राजनीति में किसी साख बचती है और किसकी डूबती है. जिले की रामगढ़ विधानसभा सीट को हॉट सीट के रूप में देखा जाता है. बड़ी वजह है रामगढ़ से सूबे के पूर्व मंत्री और बक्सर के पूर्व सांसद राजद नेता जगदानंद सिंह का नाम जुड़ा होना. हालांकि विधानसभा चुनाव में वह खुद मैदान में नहीं हैं या उनका कोई नजदीकी रिश्तेदार सीधे मुकाबले के अखाड़े में नहीं है, तथापि माना जाता है कि चुनावी दंगल में एक पक्ष का पूरा दारोमदार उन पर ही निर्भर करता है. यहां महागंठबंधन की तरफ से राजद के टिकट पर अंबिका सिंह यादव प्रतिद्वंद्विता कर रहे हैं. वह तीसरी बार रामगढ़ के मैदान में उतरे हैं. पर, यहां के लोग यही मान कर चलते हैं कि यहां चुनाव स्वयं जगदानंद सिंह लड़ रहे होते हैं. उल्लेखनीय है कि यह सीट दशकों समाजवादियों के कब्जे में रही है और खुद श्री सिंह ने बार-बार राज्य विधानसभा में रामगढ़ का प्रतिनिधित्व किया है. इस सीट पर भाजपा भी अपना जोर लगा रही है. यह सोच कर कि यहां सांसद तो उसने अपना बना लिया अब विधायक भी उसका ही हो. चैनपुर विधानसभा क्षेत्र की स्थिति भी कमोबेश इसी तरह की है. पर, वहां ऐसा नहीं कि किसी व्यक्ति विशेष का नाम चैनपुर से जुड़ा हो. वैसे, यहां भी महागंठबंधन के नेता और जदयू उम्मीदवार महाबली सिंह की प्रतिष्ठा की चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि वह यहां से अतीत में विधायक रह चुके हैं. राज्य सरकार के मंत्री रहने का उन्हें अवसर मिल चुका है. वह जदयू सदस्य के रूप में लोकसभा में काराकाट संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व भी कर चुके हैं. एक बार फिर से वह चैनपुर में किस्मत आजमाने को उतरे हैं. यहां उनका सामना दो बार विधायक रह चुके भाजपा नेता बृजकिशोर बिंद से हो रहा है. श्री बिंद यहां तीसरी बार मैदान में उतरे हैं. वैसे, यहां उत्तर प्रदेश में प्रभाव रखनेवाली सत्तारूढ़ सपा के उम्मीदवार आलोक सिंह और विपक्षी बसपा के जमा खां भी पूरी ताकत लगा रखे हैं.भभुआ विधानसभा क्षेत्र भी कम महत्वपूर्ण नहीं दिख रहा है. यहां भाजपा ने आनंदभूषण पांडेय को तीसरी बार अवसर दिया है. इस सीट का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है, क्योंकि भभुआ विधानसभा क्षेत्र की धरती पर स्वयं प्रधानमंत्री ने एक बड़ी सभा की है. सभास्थल को लेकर कई दिनों तक चले विवाद के बाद. कभी पता चल रहा था कि सभा होगी, कभी यह कि नहीं होगी. सबके बावजूद अंतत: पीएम की सभा हुई और वहां हुई, जहां आनंदभूषण पांडेय प्रतिद्वंद्विता कर रहे हैं. यहां उनका सामना जदयू के निवर्तमान विधायक डॉ प्रमोद कुमार सिंह से हो रहा है. उल्लेखनीय है कि लंबे समय से यहां भाजपा को मौका नहीं मिला है. उधर, मोहनिया सीट पर भी सभी प्रमुख उम्मीदवार अपने-अपने हिसाब से पूरी ताकत लगा रखे हैं, ताकि बाजी उनके हित में जाये. अब देखना है शुक्रवार को कैमूर के वोटर किसे कितनी अहमियत देते हैं.