मोहनिया की कठेज पंचायत में इंदिरा आवास में अनियमितता
मोहनिया की कठेज पंचायत में इंदिरा आवास में अनियमितता नौकरी,बड़े किसान व जनप्रतिनिधि को मिली आवास की राशिपंचायत सचिव व आवास सहायक की करतूत से हुआ घालमेलप्रतिनिधि, मोहनिया(सदर)प्रखंड की कठेज पंचायत के कुछ गांवों में वर्ष 2012-13, 2013-14 व 2014-15 में इंदिरा आवास के चयन में हुए बड़े पैमाना में घालमेल का मामला प्रकाश में […]
मोहनिया की कठेज पंचायत में इंदिरा आवास में अनियमितता नौकरी,बड़े किसान व जनप्रतिनिधि को मिली आवास की राशिपंचायत सचिव व आवास सहायक की करतूत से हुआ घालमेलप्रतिनिधि, मोहनिया(सदर)प्रखंड की कठेज पंचायत के कुछ गांवों में वर्ष 2012-13, 2013-14 व 2014-15 में इंदिरा आवास के चयन में हुए बड़े पैमाना में घालमेल का मामला प्रकाश में आया है. इन वर्षों के दौरान पंचायत सचिवों व आवास सहायकों ने वैसे लोगों को इंदिरा आवास दे दिया है, जो नौकरीपेशा, बड़े किसानों में या पक्के मकान के साथ वार्ड सदस्य जैसे जनप्रतिनिधि के पद पर हैं. वित्तीय वर्ष 2013-14 में पंचायत के कौड़ीराम गांव के संतरा देवी (पति बिगन पासी) जो वार्ड सदस्य हैं. इनको इंदिरा आवास के लिए चयनित कर 60 हजार रुपये का भुगतान कर दिया गया है. वहीं वर्ष 2014-15 में पकड़ीहार कला गांव की कमला देवी (पति भगवान साह) जिनके पास खेत के साथ पक्का मकान है फिर भी आवास सहायक द्वारा इंदिरा आवास के लिए चयन कर 37 हजार पांच सौ रुपये दे दिये गये हैं. वहीं वर्ष 2012-13 में पकड़ीहार कला गांव के शिव बचन पासवान जो नौकरी करते थे, उन्हें आवास के लिए चयनित कर 48 हजार पांच सौ रुपये का भुगतान किया गया है. आखिर कैसे मिलेगा गरीबों को आवास का लाभइन पूरे मामलों से स्पष्ट होता है कि सरकारी इस महत्वाकांक्षी योजना का बंदरबाट करने में जुट गया है. यदि इस मामले की प्रशासन द्वारा निष्पक्ष जांच की गयी, तो कई कर्मियों पर कार्रवाई होगी. किसे मिलना चाहिए आवासजानकारों की माने तो इंदिरा आवास का लाभ केवल उन्हीं बीपीएल परिवारों को मिलना चाहिए जो वास्तव में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे हैं. उनके पास जीविका का साधन मजदूरी व रहने के लिए कच्चा घर या झोंपड़ीनुमा घर हो. ऐसे हीं गरीब लोगों को जांच कर इंदिरा आवास दिये जोन का प्रावधान है क्या कहते हैं बीडीओबीडीओ अरुण सिंह ने बताया कि इसमें कई मामले उनके यहां आने से पहले के हैं. फिर भी इस मामले की जांच करायी जायेगी. ऐसे गलत तरीके से लाभ लेनेवालों से राशि वसूली जायेगी. साथ ही चयन प्रक्रिया में लापरवाही बरतने वाले कर्मियों पर भी कानूनी कार्रवाई की जायेगी.