अंतिम यात्रा में दिखा आक्रोश
विकास का शव गांव पहुंचते ही मची चीख–पुकार, सभी ने जताया शोक भभुआ (कार्यालय) : रविवार की शाम जैसे गांव में यह खबर आयी कि विकास की मौत हो गयी है वैसे ही गांव में चीख–पुकार मच गयी. घर के एकलौते चिराग के बुझ जाने के कारण विकास के माता–पिता का बुरा हाल है. पत्नी […]
विकास का शव गांव पहुंचते ही मची चीख–पुकार, सभी ने जताया शोक
भभुआ (कार्यालय) : रविवार की शाम जैसे गांव में यह खबर आयी कि विकास की मौत हो गयी है वैसे ही गांव में चीख–पुकार मच गयी. घर के एकलौते चिराग के बुझ जाने के कारण विकास के माता–पिता का बुरा हाल है.
पत्नी रोते–रोते बेहोश हो जा रही है. गांव में इस दर्दनाक घटना के बाद से लगातार चीख पुकार मची हुई है. सुबह में जैसे शव को ले जाया जाने लगा. मृतक की पत्नी बहन रिश्तेदार एवं परिवार की महिलाएं विकास के शव के साथ लिपट कर रोने लगीं. किसी तरह से ग्रामीण शव को गांव से बाहर लेकर आये शव के पीछे निसिझा समेत आस पास के गांव के सैकड़ों ग्रामीण समेत पुरा प्रशासनिक महकमा साथ था.
पहुंचे विधायक व अन्य दलों के कार्यकर्ता
मृतक विकास का शव निसिझा गांव मध्य रात में पहुंचा, वैसे ही स्थानीय विधायक समेत राजनीतिक दल के लोग गांव पहुंचने लगे. सुबह में ही भभुआ विधायक प्रमोद कुमार सिंह, चैनपुर के विधायक वृज किशोर विंद समेत अन्य लोग आये और शव यात्रा में शामिल हुए. शव के साथ भभुआ के भाजपा प्रत्याशी मंटू पांडेय राकेश तिवारी सहित कई लोग आये थे.
भाजपा कार्यालय में दी गयी विदाई
विकास का शव गांव से बनारस अंतिम संस्कार के लिए निकलने के बाद भभुआ भाजपा के पार्टी कार्यालय पहुंचा, जहां पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा शव को भाजपा के झंडों में लपेटा गया एवं बारी बारी श्रद्धांजलि दी गयी. पार्टी कार्यालय से भाजपा कार्यकर्ताओं ने दो मिनट का मौन रख कर शव को विदा किया.
विकास था सबके दुखों का साथी
विकास की मौत की खबर सुनने के बाद से गांव वाले सदमे में है. गांववालों ने बताया कि विकास सरल स्वभाव एवं गांव वालों के दुखों का साथी था, जब कभी ग्रामीणों को विकास की जरूरत होती हर दुख तकलीफ में विकास तत्परता से खड़ा रहता है. ग्रामीण उसे बेहद प्यार करते थे विकास लगभग तीन साल पहले भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. वह भाजपा युवा मंच का प्रखंड अध्यक्ष था.वह आस पास के ग्रामीणों को मदद भी करता था.