नो वेंडर जोन में ठेला व दुकानें लगने से सिकुड़ रही सड़कें

नो वेंडर जोन में ठेला व दुकानें लगने से सिकुड़ रही सड़केंअवैध रूप से लग रही सैकड़ों ठेला व फुटपाथी दुकानें लोगाें से मारपीट करने में भी नहीं हिचकते अतिक्रमणकारी पुलिस भी थक चुकी है अतिक्रमण हटाने में हटा कर मोहनिया (सदर). नगर पंचायत के चांदनी चौक, मोहनिया, रामगढ़ पथ, एनएच दो के दोनों सर्विस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 7, 2015 7:32 PM

नो वेंडर जोन में ठेला व दुकानें लगने से सिकुड़ रही सड़केंअवैध रूप से लग रही सैकड़ों ठेला व फुटपाथी दुकानें लोगाें से मारपीट करने में भी नहीं हिचकते अतिक्रमणकारी पुलिस भी थक चुकी है अतिक्रमण हटाने में हटा कर मोहनिया (सदर). नगर पंचायत के चांदनी चौक, मोहनिया, रामगढ़ पथ, एनएच दो के दोनों सर्विस लेन के किनारे नो वेंडर जोन में भी ठेला व फुटपाथी दुकानदारों द्वारा दुकान व ठेला लगाये जाने से सड़कें सिुकड़ती जा रही है. अतिक्रमण का आलम यह है कि साधन सवार तो क्या पैदल चलने वालों को भी अक्सर जाम का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में जहां लोग इन ठेला वालों से परेशान हैं वहीं बस पड़ाव से रामगढ़, सासाराम व पटना जाने वाली बसाें के चालकों की मनमानी से भी लोग कम त्रस्त नहीं है. इन बसों के चालकों द्वारा बस पड़ाव से निकलने के बाद सर्विस लेन एवं ओवर ब्रिज के नीचे काफी समय तक बसाें को खड़ा कर यात्रियों को बैठाने के क्रम में जाम की समस्या अधिक विकट हो जाती है. सबसे ज्यादा परेशानी इन ठेला वालों से है जो नगर पंचायत द्वारा बनाये गये वेंडर जोन से बाहर सड़क किनारे ठेला व फुटपाथी दुकानें लगा कर आवागमन को प्रभावित करते हैं. अब तो ये ठेला वाले भी इन स्थानों पर अपना अधिपत्य जमाने लगे हैं. कभी-कभी तो यह देखने को मिलता है कि जाम के दौरान भीड़ भाड़ में यदि किसी व्यक्ति से ठेला पर रखा फल आदि यदि गिर गया तो ये बेहिचक अपशब्द बोलने के साथ मारपीट भी करने पर तुरंत उतारू हो जाते हैं. जबकि, नगर पंचायत द्वारा इन्हें दुकान व ठेला लगाने के लिये लाइसेंस भी नहीं दिया गया है. फिर भी ये अपनी दबंगई के बल पर ऐसा करते रहते हैं. इतना ही नहीं नगर पंचायत की दुकानों के सामने तो ऐसे ठेला व फुटपाथी दुकान वालों ने मानों अपनी जमीन पर दुकान लगायी हो ऐसा कब्जा जमाये हुए हैं. नगर परिषद भवन में खुली दुकानों तक ग्राहकों को पहुंचने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है. जब वे दुकानदार इन्हें दुकान के सामने से थोड़ा हटने की बात कहते हैं तो ये ठेला वाले उनसे भी झगड़ा करने पर अमादा हो जाते हैं. हालांकि पुलिस इन ठेला वालों को कई बार हटवाती रहती है. लेकिन, पुलिस के हटते ही इनका कब्जा पुन: हो जाता है. वर्ष 2012-13 में 168 लोगों को दुकान व ठेला लगाने के लिये नगर पंचायत द्वारा निश्चित स्थान पर दुकान लगाने के लिये लाइसेंस दिया गया जो एक वर्ष तक वैध होता है. पिछले वर्ष केवल 50 दुकानदाराें ने ही अपना लाइसेंस रीनिवल कराया है. जबकि सैकड़ों ठेला व फुटपाथी दुकानें बिना टैक्स दिये ही चल रही है. – क्या कहते हैं चेयरमैन जिन लोगों को लाइसेंस दिया गया है वे भी चिह्नित स्थान पर ठेला व दुकान नहीं लगाते हैं. इसकीवजह से यह समस्या उत्पन्न होती है. ये लोग अवैध तरीके से अतिक्रमण करते हैं. लेकिन, प्रशासन हमारा सहयोग नहीं कर पाता है. अज्ञेय विक्रम वोस्की, चेयरमैन ………………..फोटो………..17.सड़क किनारे लगी फुटपाथी दुकानें व ठेला ………………………………..

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