केसीसी के लिए बाप के नाम पर बेटे ने किया फर्जीवाड़ा
भभुआ (सदर) : पिता की जगह अपनी तसवीर व फर्जी हस्ताक्षर से बेटे द्वारा केसीसी निकालने का मामला प्रकाश मे आया है. इस मामले में पुलिस ने इस फर्जीवाड़े के एक सूत्रधार व गारंटर थाना क्षेत्र के नेरांव गांव के संजय साह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. मामला भभुआ थाना क्षेत्र के नरांव […]
भभुआ (सदर) : पिता की जगह अपनी तसवीर व फर्जी हस्ताक्षर से बेटे द्वारा केसीसी निकालने का मामला प्रकाश मे आया है. इस मामले में पुलिस ने इस फर्जीवाड़े के एक सूत्रधार व गारंटर थाना क्षेत्र के नेरांव गांव के संजय साह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.
मामला भभुआ थाना क्षेत्र के नरांव गांव की ही है.इस गांव के मनोज साह ने अपने पिता राजू साह के नाम व फर्जी हस्ताक्षर बना शहर स्थित बैंक ऑफ इंडिया से केसीसी के 50 हजार रुपये निकाल लिये. यह मामला मार्च 2012 का बताया जाता है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब बैंक से लिये गये लोन पर बैंक द्वारा राजू साह को नोटिस भेजा गया. नोटिस के बाद उन्हें पता चला कि उनके ही बेटे ने कागजों में हेरफेर कर व तसवीर बदल कर उन पर अनचाहे रूप से 50 हजार का कर्जा लाद दिया. नोटिस मिलने के बाद पिता ने अपने बेटे की करतूतों से पल्ला झाड़ लिया गया.
मुखिया और बैंक को भी बनाया शिकार : सूत्रों के अनुसार पिता के नाम व पते पर फर्जीवाड़ा करनेवाले मनोज साह ने लोन दिलाने की गारंटी दिलानेवाले सूत्रधार की मदद से पिता को झांसे में लेने के बाद प्रखंड की कोहारी पंचायत के मुखिया और बैंक को भी अपने झांसे में ले लिया.
मनोज पूर्व उसके सूत्रधार रहे और पकड़ाये संजय साह ने मनोज को केसीसी दिलाने के लिए सर्वप्रथम उसके पिता राजू साह के नाम पर एक सेविंग एकाउंट खुलवाया. लेकिन, खाता खुलवाने के पूर्व उसने राजू साह के दस्तावेज पर अपनी तसवीर लगा उसे मुखिया से प्रमाणित भी करवा लिया व उसे बैंक में पेश कर उसी फर्जी दस्तावेज पर खाता खुलवाते हुए वर्ष 2012 के मार्च माह में केसीसी के 49 हजार बैंक से निकाल लिये. बेटे की करतूतों पर जब पिता को बैंक ने नोटिस भेजा, तो मामले का खुलासा हुआ.
जब मामले का खुलासा हुआ तो नगर थाने की पुलिस ने तत्काल संज्ञान में लेते हुए नरांव गांव के संजय साह को अवर निरीक्षक अविनाश कुमार के नेतृत्व में गिरफ्तार कर लिया गया और मेडिकल परीक्षण करा उसे जेल भेज दिया गया. नगर थानाध्यक्ष अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि फर्जीवाड़े में धराया आरोपित पूर्व में जेल जा चुका है और अभी दस दिन पूर्व वह जेल से छूटा था.