प्रखंड के 2584 विकलांगों के प्रमाणपत्रों की दुबारा होगी जांच

प्रखंड के 2584 विकलांगों के प्रमाणपत्रों की दुबारा होगी जांच प्रभात खास गलत तरीके से विकलांग पेंशन लेने वालों की अब खैर नहीं बीडीओ ने लिखा अस्पताल उपाधीक्षक को पत्र प्रतिनिधि, मोहनिया (सदर) गलत तरीके से विकलांगता प्रमाणपत्र बनवा कर नि:शक्तता पेंशन का लाभ लेने वालों की अब खैर नहीं. बीडीओ अरुण सिंह ने इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2015 7:16 PM

प्रखंड के 2584 विकलांगों के प्रमाणपत्रों की दुबारा होगी जांच प्रभात खास गलत तरीके से विकलांग पेंशन लेने वालों की अब खैर नहीं बीडीओ ने लिखा अस्पताल उपाधीक्षक को पत्र प्रतिनिधि, मोहनिया (सदर) गलत तरीके से विकलांगता प्रमाणपत्र बनवा कर नि:शक्तता पेंशन का लाभ लेने वालों की अब खैर नहीं. बीडीओ अरुण सिंह ने इस गोरखधंधे पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है. बीडीओ ने इस संबंध में अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक को पत्र लिखा गया है. इसमें उन्होंने उल्लेख किया गया है कि विकलांग बोर्ड द्वारा गलत तरीके से वैसे लोगों को भी विकलांग प्रमाणपत्र जारी कर दिया जा रहा है, जो वास्तव में पेंशन लेने के योग्य नहीं हैं. ऐसे लोगों को भी 40 प्रतिशत विकलांगता का प्रमाणपत्र जारी कर दिया जा रहा है. इसके आधार पर वे गलत तरीके से बिहार नि:शक्तता पेंशन प्राप्त करने का दावा करते हैं. इससे विभाग व सरकार को भारी नुकसान का सामान करना पड़ता है. प्रखंड की 18 पंचायतों के कुल 2584 विकलांग पेंशनरों का पंचायतवार रोस्टर तैयार कर बीडीओ द्वारा प्रतिनियुक्त मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में पुन: सभी विकलांगों को उपस्थित कर उनकी व उनके विकलांग प्रमाणपत्रों की जांच की जायेगी. मजिस्ट्रेट द्वारा जिन विकलांगों के प्रमाणपत्रों को सही पाया जायेगा उन्हें ही योजना का लाभ दिया जायेगा. बीडीओ ने इसकी जानकारी देते हुए यह भी बताया कि 40 प्रतिशत से ऊपर विकलांग लोगों को बिहार नि:शक्तता के तहत 400 रुपये प्रतिमाह पेंशन देने का प्रावधान है. लेकिन, यहां तो यह देखने को मिल रहा है कि जो लोग उस लायक हैं ही नहीं उन्हें भी स्वास्थ्य विभाग ने 40 प्रतिशत विकलांग होना का प्रमाणपत्र जारी कर दिया है. इसकी जांच होनी जरूरी है, तभी सही लोगों को सरकार की महत्वाकांक्षी योजना का लाभ मिल पायेगा. बीडीओ ने कहा है कि इसमें पारदर्शिता लाने के लिए हम उन्हीं विकलांगो का पेंशन स्वीकृत करेंगे, जो हमारे सामने उपस्थित होंगे और सही मायने में पेंशन के हकदार होंगे.

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