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हेडमास्टरों को सात दिनों में ही बनाने होंगे स्कूल भवन

भभुआ (नगर) : सरकारी स्कूलों के भवन निर्माण का काम पूरा नहीं करनेवाले हेडमास्टरों पर जल्द ही प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. जिला शिक्षा पदाधिकारी रेखा कुमारी ने बताया है कि कुल दर्जन भर स्कूलों के हेडमास्टरों को इसके लिए नोटिस भेजा जा चुका है. एक सप्ताह के अंदर भवन निर्माण पूरा करने का निर्देश दिया […]

भभुआ (नगर) : सरकारी स्कूलों के भवन निर्माण का काम पूरा नहीं करनेवाले हेडमास्टरों पर जल्द ही प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. जिला शिक्षा पदाधिकारी रेखा कुमारी ने बताया है कि कुल दर्जन भर स्कूलों के हेडमास्टरों को इसके लिए नोटिस भेजा जा चुका है. एक सप्ताह के अंदर भवन निर्माण पूरा करने का निर्देश दिया गया है.
अगर ऐसा नहीं होता है, तो संबंधित हेडमास्टरों के खिलाफ स्थानीय थाने में प्राथमिक दर्ज कराते हुए भवन निर्माण के लिए निकाले गये रुपयों की वसूली भी की जायेगी. इस मामले में स्कूल के सचिवों पर भी प्राथमिकी दर्ज होगी, क्योंकि स्कूल की शिक्षा समिति की देखरेख में ही भवन निर्माण का काम करवाया जाता है और हेडमास्टर और सचिव के ज्वाइंट हस्ताक्षर के बाद ही रुपये की निकासी होती है.
ऐसे में पैसे निकाल कर स्कूल के भवन का निर्माण नहीं कराने वाले हेडमास्टरों के माथे पर चिंता की लकीर साफ दिख रही है. प्राथमिकी के डर से कई हेडमास्टरों ने स्कूलों के भवनों का निर्माण शुरू भी कर दिया है, पर सवाल है कि क्या सात दिनों के अंदर निर्माण का काम पूरा हो पायेगा? डीइओ ने इस मामले में कड़ा रूख अख्तियार किया गया है. उन्होंने बताया कि इससेपहले भी भवन निर्माण पूरा न करनेवाले हेडमास्टरों को नोटिस दी गयी थी. लेकिन, इस दिशा में कोई पहल नहीं की गयी.
सात दिनों में कैसे पूरा होगा काम?
जिन स्कूलों के हेडमास्टरों को विभाग द्वारा नोटिस भेजा गया है. वहां सात दिनों के अंदर निर्माण कार्य कैसे पूरा होगा यह भी एक बड़ा सवाल है. कई स्कूलों के भवन का निर्माण अभी आधा-अधूरा ही है. कहीं पीलर देने के बाद काम शुरू ही नहीं हुआ, तो कई भवनों का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ.विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, नोटिस मिलने के बाद काम में तेजी आयी है. लेकिन निर्धारित समयसीमा के अंदर ही निर्माणकार्य पूरा करना होगा.
बच्चों को होती है परेशानी
सरकार द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत सरकारी स्कूलों में हर तरह की सुविधा बच्चों को दी जा रही है. लेकिन, इन स्कूलों में भवन निर्माण न होने की वजह से यहां पर नामांकन कराये बच्चों का भविष्य अधर में लटका दिखाई पड़ रहा है. भवन निर्माण के अंतर्गत कई स्कूलों में बच्चों की बढ़ी संख्या को देखते हुए अतिरिक्त वर्ग कक्ष का निर्माण भी होना है. लेकिन, हेडमास्टरों की लापरवाही से यह काम अब तक पूरा नहीं हो सका है.बच्चे जैसे-तैसे सीमित संसाधनों के बीच ही पढ़ने को मजबूर हैं.

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