हवाला दे नहीं खरीदे जा रहे धान, किसान बेहाल

हवाला दे नहीं खरीदे जा रहे धान, किसान बेहाल – धान खरीद के दौरान किसानों को होती है फजीहतभभुआ(नगर). जिले में धान की खरीद अभी शुरु नहीं हो पायी है निर्धारित पांच दिसंबर की तारिख खत्म हो गयी अभी कागजी कार्रवाई, गोदाम की उपलब्धता, क्रय केंद्रों पर व्यवस्था, आदि को लेकर माथापच्ची हो रही है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2015 9:27 PM

हवाला दे नहीं खरीदे जा रहे धान, किसान बेहाल – धान खरीद के दौरान किसानों को होती है फजीहतभभुआ(नगर). जिले में धान की खरीद अभी शुरु नहीं हो पायी है निर्धारित पांच दिसंबर की तारिख खत्म हो गयी अभी कागजी कार्रवाई, गोदाम की उपलब्धता, क्रय केंद्रों पर व्यवस्था, आदि को लेकर माथापच्ची हो रही है. वहीं धान खरीद मे ेहर वर्ष जब किसान अपना धान लेकर क्रय केंद्र पहुंचते हैं तो उनकी राह में रोड़े भी अटकाएं जाते हैं किसानों को जान बूझ कर परेशान किया जाता है कभी कागजात की गड़बड़ी तो कभी गोदाम में जगह का अभाव लेकिन, धान में नमी का बहाना सबसे कारगर होता है जिस पर किसान की जुबान बंद हो जाती है नमी चाहे मानक से कम क्यों न हो फिर भी अधिक की बहानेबाजी से रास्ते दिखा दिया जाता है जिससे मजबूर हो किसान दूसरा रास्ता तलाशने लगते हैं और बिचौलियों के हाथों सौदा कर चढ़ावा देने पर राजी हो जाते हैं बहानेबाजी का फंडा भी इसी के लिए होता है सौदा तय होते ही धान की नमी कम हो जाती है पिछले साल भी इस समस्या से किसानों को दो चार होना पड़ा था. सरकारी प्रावधान के मुताबिक हर क्रय केंद्रों पर नमी मापक यंत्र रखना अनिवार्य है बावजूद अधिकतर पैक्स के केंद्रों पर यंत्र नहीं होने की बात भी सामने आती हैं ऐसे में किसानों को पैक्स प्रबंधन के पास गणेश परिक्रमा करनी पड़ती है रही सही कसर एसएफसी क्रय केंद्र प्रभारी पूरा कर देते हैं . जब वहां धान ले जाने पर एक झटके में मानक से अधिक नम होने की बात कह उनकी बोलती बंद कर दी जाती है और किसानों को बैरंग लोटना पड़ता है. नमी के अलावे धान में कई तरह के अवांछित तत्व पाये जाते हैं सरकार द्वारा अधिप्राप्ति में इनका विशेष ख्याल रखा जाता है इसके लिए धान के अतिरिरक्त अन्य तत्वों की अधिकतम स्वीकृत मात्रा निर्धारित की गयी है जिसमें नमी 17 प्रतिशत, बाहरी तत्व यानी मिट्टी, भूसा आदि दो प्रतिशत, बदरंग, अंकुरित व डैमेज धान पांच प्रतिशत, अपरिपक्व धान, तीन प्रतिशत निचली श्रेणी के धान की मिलावट छह प्रतिशत शामिल हैं. क्रय केंद्रों पर प्रतिदिन क्रय क्षमता के अनुसर भंडारण की व्यवस्था, मापतौल यंत्र, नमी मापक यंत्र, पर्याप्त रोशनी सुरक्षा के इंतजाम व प्रशिक्षित कर्मियों की व्यवस्था रखनी है. – कहते हैं किसानकिसान ब्रजेश सिंह अपने पहले के अनुभव को बताते हुए कहते हैं कि क्रय केंद्रों पर धान में तरह तरह की खामियां बता कर उन्हें लौटा दिया गया फिर थक हार कर बिचौलिये से बात करनी पड़ी तब जा कर धान की खरीद हुई विभाग को इस पर कड़ी नजर रखने की जरुरत हैं. किसान ज्ञानचंद्र ने बताया कि एक तो सरकार द्वारा सौ क्विंटल ही धान बेचने का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है वहीं क्रय कें द्रों पर नमी की मात्रा को लेकर किसानों को जानबूझ कर परेशान किया जाता है ऐसे में विभाग को काफी सख्ती के साथ क्रय केंद्रों पर निगरानी करनी होगी……………फोटो…………….7. किसान ब्रजेश सिंह, ज्ञानचंद्र

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