जनता दरबार में उठा आरटीआइ का मामला

भभुआ (नगर) : नवपदस्थापित डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने गुरुवार को अपने कार्यालय के सभा कक्ष में आयोजित जनता दरबार में लोगों की समस्याएं सुनीं. जनता दरबार में आये आवेदनों को देखते हुए डीएम ने निर्देश दिया कि प्रखंडस्तर पर संबंधित विभागों के पदाधिकारी जनता दरबार में आये हुए मामलों का शीघ्र निष्पादन करें. लोगों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2015 5:08 AM

भभुआ (नगर) : नवपदस्थापित डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने गुरुवार को अपने कार्यालय के सभा कक्ष में आयोजित जनता दरबार में लोगों की समस्याएं सुनीं. जनता दरबार में आये आवेदनों को देखते हुए डीएम ने निर्देश दिया कि प्रखंडस्तर पर संबंधित विभागों के पदाधिकारी जनता दरबार में आये हुए मामलों का शीघ्र निष्पादन करें.

लोगों की समस्याओं को समय सीमा के अंदर निबटाये. दूर दराज के गांवों से आये लोगों ने डीएम को बताया कि कई बार जनता दरबार से लेकर ब्लॉक लेबल के अधिकारियों से मिलने के बावजूद भी कार्रवाई नहीं होती. इससे आर्थिक व मानसिक दोनों तरह की परेशानी झेलनी पड़ती है. डीएम ने सभी पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जनता के सरोकार से जुड़े मामलों को यथाशीघ्र निपटाने की कोशिश करें, ताकि लोगों को बार-बार जिला मुख्यालय का चक्कर न लगाना पड़े.

जनता दरबार में कुदरा प्रखंड के भदौला गांव के राघवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि आरटीआइ के तहत जिला सहकारिता पदाधिकारी, कुदरा प्रखंड विकास पदाधिकारी व मनरेगा पदाधिकारी से मांगी गयी सूची अब तक उपलब्ध नहीं करायी गयी. उन्होंने बताया कि जिला सहकारिता पदाधिकारी से धान अधिप्राप्ति के इंफोसमेंट की सूचना की अभिप्रमाणित छाया प्रति व धान अधिप्राप्ति में किसानों द्वारा दिये गये लगान की रसीद के छायाप्रति की मांग की गयी थी.

लेकिन, उसे उपलब्ध कराने में टाल-मटोल किया जा रहा है. वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी से वर्ष 2011 से 15 तक भदौला पंचायत अंतर्गत वेपर लाइट कहां-कहां और किस जगह व किस कंपनी का लगाया गया उसका ब्योरा मांगा गया, लेकिन उसे भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा. वहीं प्रखंड मनरेगा पदाधिकारी द्वारा वर्ष 2011 से 15 मई तक मनरेगा द्वारा कौन-कौन काम हुए इसकी भी सूचना नहीं दी जा रही.

जनता दरबार में अन्य मामले भी आये, जिसमें जिला प्रबंधक (बिहार राज्य खाद्य निगम) द्वारा वापस किये गये कार्यपालक सहायकों के समायोजन की बात कही गयी. आवेदक विकास कुमार व परवेज अंसारी आदि ने बताया कि जब उन्हें निगम से हटाया गया था, तो कहीं अन्य जगह बहाली का आश्वासन दिया गया था. हटाये गये 15 कार्यपालक सहायकों में आठ को बिना वरीयता क्रम के विभिन्न विभागों में योगदान करा लिया गया, लेकिन सात कार्यपालक सहायक अब भी नियुक्ति के लिये भटक रहे हैं.

डीएम के जनता दरबार में शिक्षा, चिकित्सा इंदिरा आवास व भूमि मापी संबंधी कई मामले आये. मामलों को संबंधित विभागों व सीओ को आवश्यक कार्रवाई के लिए दिशा निर्देश दिया. साथ ही यह भी निर्देशित किया कि मामलों पर उचित कार्रवाई कर रिपोर्ट दें.

इस दौरान डीडीसी सुनील कुमार, प्रभारी जन शिकायत पदाधिकारी श्वेता मिश्रा, शहनवाज अहमद नियाजी, सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

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