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अस्पताल परिसर में खड़े वाहन देख भड़के सीएस

अस्पताल परिसर में खड़े वाहन देख भड़के सीएस अधिकारियों को दिया कार्रवाई के साथ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देशभभुआ(सदर). शुक्रवार को सदर अस्पताल परिसर में बेतरतीब खड़े अवैध वाहनों को देख कर सिविल सर्जन डाॅ केबीपी सिंह भड़क उठे व तत्काल अधिकारियों को अस्पताल में अवैध रूप से खड़े वाहनों के मालिकों के ऊपर कार्रवाई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 18, 2015 7:22 PM

अस्पताल परिसर में खड़े वाहन देख भड़के सीएस अधिकारियों को दिया कार्रवाई के साथ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देशभभुआ(सदर). शुक्रवार को सदर अस्पताल परिसर में बेतरतीब खड़े अवैध वाहनों को देख कर सिविल सर्जन डाॅ केबीपी सिंह भड़क उठे व तत्काल अधिकारियों को अस्पताल में अवैध रूप से खड़े वाहनों के मालिकों के ऊपर कार्रवाई का आदेश देते हुए थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया. गौरतलब है कि डीएम राजेश्वर प्रसाद सिंह ने 12 दिसंबर को आयोजित बैठक में अस्पताल परिसर में अवैध वाहन व एंबुलेंस के ठहराव पर सख्ती से रोक लगाने का निर्देश देते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. इसी आदेश के तामिला पर सीएस डाॅ केबीपी सिंह, एसीएमओ डाॅ रामानंद सिंह व जिला कार्यक्रम प्रबंधक डाॅ विवेक कुमार सिंह अस्पताल परिसर के निरीक्षण को निकले हुए थे. इसी दौरान अस्पताल परिसर के इमरजेंसी विभाग के पास अवैध ढंग से खड़े कारों, जीपों व ऑटो को देख कर आक्रोशित हो गये. इसके बाद उन्होंने सभी वाहनों पर कार्रवाई सहित वाहनों के नंबर नगर थाने में देने का निर्देश दिया और उन्हें तत्काल वहां से हटाने का आदेश जारी किया. इस दौरान सीएस ने कहा कि अस्पताल में डॉक्टर व सरकारी एंबुलेंस के अलावा किसी भी वाहन को खड़ा करना सख्त मना है. फिर भी लोग अस्पताल परिसर में वाहन खड़ी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस पर जल्द ही कानूनी कार्रवाई करते हुए इस पर सख्ती से रोक लगायी जायेगी……………..फोटो………….5. निरीक्षण के दौरान अस्पताल में प्राइवेट खड़े वाहनों को देखते सीएस दहेज के लिए हत्या के प्रयास परिवाद दायरभभुआ(कोर्ट). भभुआ थाना के सीवों की तेतरा देवी ने अपने पति, ननद और सास ससुर के विरुद्ध दहेज के लिए हत्या का प्रयास का परिवाद दायर किया है. तेतरा देवी ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष कहा कि उसकी शादी 2010 में चांद थाना के नौकटा निवासी मैथुन बिंद के साथ हुई और तीन साल बाद गवना हुआ. गवना के समय से ही उसके पति, सास, ससुर व ननद दहेज में बाइक और भैंस की मांग करने लगे. किसी तरह समझा बुझा कर वह विदा हो कर अपने पति के घर आयी. नवंबर 2015 में एक बेटी को जन्म दिया. इसके बाद से उसके पति मैथुन बिंद, ससुर बालेश्वर बिंद, सास कंचन देवी, ननद सोनी देवी व दारोगा प्रताड़ित करने लगे. 12 दिसंबर की रात सबने सभी मिल कर मारपीट की और जला कर मारने की कोशिश भी. किसी तरह भाग कर किसी प्रकार जान बचायी.

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